नई दिल्ली:उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे की जांच अदालत की निगरानी में सीबीआई से कराए जाने की एक याचिका पर बुधवार को कहा कि जांच एजेंसी को पहले अपना घर संभाल लेने दीजिए, उसके बाद इस विषय पर विचार किया जाएगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण से कहा, पहले सीबीआई को अपना घर संभाल लेने दीजिए।
पीठ की यह टिप्पणी उस वक्त आई, जब वह राफेल मामले में अधिवक्ता प्रशांत भूषण और पूर्व केन्द्रीय मंत्री – अरूण शौरी और यशवंत सिन्हा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने अपनी याचिका में राफेल सौदे की जांच अदालत की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की है। भूषण ने जब राफेल सौदे की जांच अदालत की निगरानी में सीबीआई से कराए जाने के सिलसिले में याचिका में किए गए अनुरोध का उल्लेख किया, तब प्रधान न्यायाधीश ने कहा, आपको इंतजार करना होगा।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को फ्रांस से खरीदे जा रहे 36 राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत का ब्योरा 10 दिनों के अंदर सीलबंद लिफाफे में न्यायालय के समक्ष पेश करने को कहा है।
SC ने 10 दिन में मांगा राफेल डील की कीमत का ब्योरा
फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से ब्योरा मांगा है। बुधवार को मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार से कहा है कि वह 10 दिनों के भीतर राफेल लड़ाकू विमानों से जुड़े ब्यौरे बंद लिफाफे में सौपें। हालांकि, सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि सरकार के लिए अदालत को कीमतों की जानकारी उपलब्ध कराना संभव नहीं होगा क्योंकि यह जानकारी संसद को भी नहीं दी गई है।
राफेल सौदे पर CBI जांच की मांग पर बोला सुप्रीम कोर्ट, ‘पहले उन्हें अपना घर संभाल लेने दीजिए’

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