नई दिल्ली:ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैकिंग में भारत ने लगातार दूसरे साल लंबी छलांग लगाई है। विश्व बैंक की ओर से जारी सूची में भारत ने 23 पायदान के सुधार के साथ 77वां स्थान हासिल किया है। भारत पिछले साल 100वें स्थान पर रहा था। पिछले दो सालों में भारत की रैकिंग में कुल 53 पायदान का सुधार आया है। माना जा रहा है कि इससे भारत को अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
नरेंद्र मोदी सरकार के लिए यह रैंकिंग कुछ राहत की बात है। अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले सरकार को विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनस में भारत की रैंकिंग की खबर सुनकर खुश हूं। आर्थिक तरक्की के प्रति हम प्रतिबद्ध हैं।’
विश्व बैंक की पिछले साल की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 30 पायदान की छलांग के साथ 100वें स्थान पर पहुंच गया था। यह एक वर्ष के अंतराल में भारत द्वारा लगाई गई सबसे बड़ी छलांग थी। इसमें 190 देशों को रैंकिंग दी जाती है। नरेंद्र मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के समय भारत की रैंकिंग 142 थी। पीएम ने आने वाले सालों में भारत को टॉप 50 देशों की खास लिस्ट में शामिल करने का लक्ष्य दिया है।
विश्व बैंक की यह रैंकिंग 10 मानदंडों मसलन कारोबार शुरू करना, निर्माण परमिट, बिजली कनेक्शन हासिल करना, कर्ज हासिल करना, टैक्स भुगतान, सीमापार कारोबार, अनुबंध लागू करना और दिवाला मामले का निपटान पर आधारित होती है।
इन मानदंडों में सुधार
विश्व बैंक की कारोबार सुगमता पर 2019 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कारोबार शुरू करने और उसमें सुगमता से संबंधित दस मानदंडों में से 6 में भारत की स्थिति सुधरी है। इन मानदंडों में कारोबार शुरू करना, निर्माण परमिट, बिजली की सुविधा प्राप्त करना, कर्ज प्राप्त करना, करों का भुगतान, सीमापार व्यापार, अनुबंधों को लागू करना और दिवाला प्रक्रिया से निपटना शामिल है।
4 साल में कहां से कहां पहुंचे
इंडिकेटर | 2014 | 2018 | 4 साल में सुधार |
कारोबार की शुरुआत | 158 | 137 | 21 |
निर्माण परमिट | 184 | 52 | 132 |
बिजली कनेक्शन हासिल करना | 137 | 24 | 113 |
कर्ज हासिल करना | 36 | 22 | 14 |
टैक्स भुगतान | 156 | 121 | 35 |
सीमापार कारोबार | 126 | 80 | 46 |
अनुबंध लागू करना | 186 | 163 | 23 |
दिवाला मामले का निपटान | 137 | 108 | 29 |
कुछ मानदंडों में अभी और सुधार की जरूरत: जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रैकिंग की घोषणा के दौरान मीडिया से कहा कि जब केंद्र में मोदी सरकार बनी तो हम 142वें स्थान पर थे। पीएम ने टॉप 50 में पहुंचने का लक्ष्य रखा है। पिछले चार साल में देश की कारोबार सुगमता रैंकिंग 67 अंक बेहतर हुई। उन्होंने कहा कि ‘कारोबार की शुरुआत’सहित कुछ इंडिकेटर में अभी सुधार की जरूरत है। वित्त मंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार ने भ्रष्टाचार और लालफीताशाही को खत्म किया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने इसे देश के लिए दिवाली का तोहफा बताया और कहा कि सरकार रैंकिंग में सुधार के लिए और प्रयास करेगी।
पहले नंबर पर कौन?
कारोबार सुगमता रैंकिंग में न्यू जीलैंड शीर्ष पर है। उसके बाद क्रमश: सिंगापुर, डेनमार्क और हांगकांग का नंबर आता है। सूची में अमेरिका 8वें, चीन 46वें और पाकिस्तान 136वें स्थान पर है। विश्व बैंक ने इस मामले में सबसे अधिक सुधार करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में भारत को दसवें स्थान पर रखा है।