नई दिल्ली:हवा की खराब गुणवत्ता को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार से निर्माण कार्यों पर पाबंदी रहेगी। पर्यावरण प्रदूषण निवारक प्राधिकरण (इपका) ने बुधवार को फिर इसकी ताकीद की है। वहीं, हवा की गति में तेजी आने से प्रदूषण में कमी आई है। बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक में मंगलवार की तुलना में 43 अंक की गिरावट आई है।
मानसून के बाद से ही राजधानी और आसपास के इलाके की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। बीते मंगलवार को हवा इस सीजन में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई। इस दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक 401 के अंक पर पहुंच गया। वायु गुणवत्ता के इस सूचकांक को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। ऐसी हवा में सांस लेने से कई किस्म की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
हालांकि, बुधवार को हवा की गति में थोड़ी तेजी आने से वायु गुणवत्ता में भी सुधार हुआ। इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक 358 दर्ज किया गया। इससे हवा की गुणवत्ता गंभीर से बेहद खराब श्रेणी में आ गई है। हालांकि, इपका ने आने वाले दिनों में हवा में प्रदूषण की स्थिति और खराब होने के अंदेशे को देखते हुए 1 से 10 नवंबर तक निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध के आदेश को पूर्ववत रखा है। इपका की ओर से बुधवार शाम जारी निर्देश में कहा गया कि मौसम व प्रदूषण के पूर्वानुमानों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
46 औद्योगिक इकाइयों पर जुर्माना लगाया
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन बुधवार रात बवाना औद्योगिक क्षेत्र का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने औद्योगिक कचरे के उचित तरीके से निपटान नहीं करने और इसे इधर-उधर फेंकने वाले 46 औद्योगिक इकाइयों पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना लगाने का निर्देश दिया। वहीं, पूर्वी निगम शाहदरा दक्षिण जोन में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्टरियों के खिलाफ निगम ने अभियान तेज कर दिया है। बुधवार को पुराने सीलमपुर गांव में अवैध रूप से चल रही जींस डाई और र्वांशग की 17 फैक्टरियों को सील कर दिया गया। इसके अलावा, शाहदरा उत्तरी जोन में भी प्रदूषण फैलाने वाली 9 फैक्टरियों को सील कर दिया गया।
वायु प्रदूषण फैलाने वालों के चालान काटे
पूर्वी निगम ने वायु प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 1382 चालान काटे। इनमें से 635 चालान शाहदरा दक्षिण और 747 चालान शाहदरा उत्तरी क्षेत्र में काटे गए। यह जानकारी पूर्वी निगम के आयुक्त पुनीत गोयल ने बुधवार को दी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को कूड़े में आग लगाने वालों, निर्माण सामग्री या मलबे को बिना ढंके ले जाने वाले ट्रकों और वायु प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। आदेश का पालन करते हुए एनजीटी नियमों का उल्लघंन करने वाले के चालान काटे गए। नियमों का बार-बार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जा चुका है।
मेट्रो 812 फेरे अतिरिक्त लगाएगी
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए मेट्रो रोजाना 812 फेरे अतिरिक्त लगाएगी। इसके लिए बुधवार से ही डीएमआरसी ने ट्रैक पर 21 अतिरिक्त ट्रेन भी उतार दी है। मेट्रो के मुताबिक बुधवार को ही इसकी शुरुआत की गई है। साथ ही पहली बार मेट्रो ने अपने पूरे नेटवर्क पर कुल 4831 फेरे लगाकर रिकॉर्ड भी बनाया है। इससे पहले मेट्रो रोजाना 4019 फेरे ही लगाती थी।
सिर्फ जहांगीरपुरी लैंडफिल साइट पर डाला जाएगा मलबा
उत्तरी निगम ने बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर यह व्यवस्था की है कि क्षेत्र में निर्माण कार्य व निर्माण घ्वस्त से उत्पन्न हुए मलबे को अब केवल जहांगीरपुरी स्थित मलबा संशोधन प्लांट और भलस्वा लैंडफिल स्थल पर ही डाला जायेगा। एनजीटी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उत्तरी निगम द्वारा यह व्यवस्था की गई है कि अब किसी भी प्रकार का मलबा निगम के शहरी क्षेत्रों में नहीं डाला जायेगा। यदि ऐसा किया जाता है तो इसके लिए कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मुंडका औद्योगिक क्षेत्र भी बंद रहेगा
इपका ने मुंडका औद्योगिक क्षेत्र को 1 से 10 नवंबर तक के लिए बंद करने के निर्देश जारी किए हैं। इस बीच उत्तरी दिल्ली नगर निगम की ओर से यहां पर पड़ा हुआ मलबा, रबर और प्लास्टिक कचरा हटाया जाएगा। साथ ही, 1 से 10 नवंबर के बीच यातायात पुलिस को प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का चालान करने के विशेष निर्देश दिया गया है। इन वाहनों का मौके पर ही चालान किया जाएगा। यातायात जाम से निपटने के लिए भी विशेष कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
इन पर प्रतिबंध रहेगा
– निर्माण: 1 से 10 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में सभी तरह के निर्माण पर रोक रहेगी
– क्रशर व हॉट मिक्स प्लांट: धूल उड़ाने वाले स्टोन क्रशर, हॉट मिक्स प्लांट व ईंट भट्ठों पर 1 से 10 नवंबर तक पाबंदी रहेगी
– उद्योग: कोल और बायोमास का ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करने वाले उद्यमों पर 4 से 10 नवंबर तक रोक रहेगी। प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल ईंधन के तौर पर करने वाले उद्यमों को छूट रहेगी।
– डीजल जेनरेटर सेट: दिल्ली-एनसीआर में डीजल जेनरेटर सेट के इस्तेमाल पर रोक रहेगी।
इस आधार पर फैसला लिया
प्रदूषण के पूर्वानुमानों को देखते हुए इपका ने प्रतिबंधों का अपना फैसला कायम रखा है। इसमें कहा गया है कि उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ का असर बना हुआ है। इससे हवा में नमी आ रही है, जबकि पूर्व की ओर एक चक्रवात बन रहा है जिससे हवा की गति में भी बदलाव हो रहा है। इसके अलावा, पंजाब और हरियाणा के खेतों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं। इपका के मुताबिक, नासा की ओर से जारी तस्वीरों से भी इसकी पुष्टि हो रही है। इन सभी को देखते हुए दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की आशंका है इसलिए प्रतिबंधों की जरूरत है।
अपील: लोग सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करें
प्रदूषण के खिलाफ मुहिम में इपका ने लोगों से भी सहयोग करने को कहा है। इपका ने कहा कि लोग इस दौरान निजी वाहनों का इस्तेमाल कम से कम करके और सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करके प्रदूषण से निपटने की इस मुहिम में सहयोगी बन सकते हैं। वहीं, प्रतिबंधों को लागू कराने के लिए दिल्ली-एनसीआर में केंद्र, राज्य, तीनों निगम, लोक निर्माण विभाग और अन्य संस्थाओं की 52 टीमें तैनात रहेंगी। यह टीमें अलग-अलग स्थानों का दौरा करेंगी और उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेंगी।
दिल्ली में हवा सुधरी, निर्माण कार्य पर रोक, आज से कई पाबंदियां लागू
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