राजकुमार गौतम/यूपी ब्यूरो
गनेशपुर (बस्ती)। शासन की संवेदनहीनता के आगे जनमानस की समस्याएं गला घोटते दिख रहे हैं। आलम यह है कि बार-बार प्रार्थना पत्र देने आंदोलन करने पर भी सरकार का ध्यान इस तरफ नहीं जा रहा है।
मामला गनेशपुर कस्बे के सड़क का है, जहां बारिश के मौसम में कस्बे को पार कर लेना किसी किला फतह करने से कम नहीं होता। अब जब बारिश का मौसम खत्म हो गया है तो सड़कों पर सिर्फ गड्ढे ही दिखाई दे रहे हैं। इस पर चलना जान जोखिम में डालने जैसा है। जन आक्रोश इतना बढ़ गया है कि 30 अक्टूबर 2018, मंगलवार को लोगों ने एकत्र होकर गनेशपुर कस्बे में प्रदर्शन किया तथा जिलाधिकारी बस्ती को मामले से अवगत भी कराया। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है सैकड़ों बार शासन-प्रशासन व जिम्मेदार व्यक्तियों से गुहार लगाई गई लेकिन ऐसा लग रहा है कि सरकार पूर्णता संवेदनहीन हो गई है। लोगों का कहना है कि उक्त सड़क का शिलान्यास सांसद हरीश द्विवेदी के द्वारा 26 मार्च 2017 को किया गया था, लेकिन शिलान्यास सिर्फ नाम मात्र का ही रह गया है, कार्य कुछ भी नहीं हुआ।
बताते चलें कि गणेशपुर प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है, जिसकी जनसंख्या लगभग 30 हजार के करीब है। गणेशपुर कस्बे के बीच से निकली हुई सड़क बस्ती से दुबौला, जलेबीगंज, गौर, पैकोलिया, परशुरामपुर होते हुए अयोध्या को जोड़ती है। स्टेट हाईवे कहे जाने वाली इस सड़क की दुर्दशा बद से बत्तर होती जा रही है। सबसे ज्यादा परेशानी गणेशपुर कस्बावासियों को हो रही है। क्योंकि इसके चलते इनकी रोजी-रोटी व व्यापार सब खत्म हो जा रहा है।
संवेदनहीन प्रशासन के सामने लाचार है 30 हजार आबादी वाला गनेशपुर कस्बा

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