तिरुवनंतपुरम: केरल हाई कोर्ट (देवासम पीठ) ने व्यवस्था दी है कि सबरीमाला मंदिर केवल हिंदुओं के लिए नहीं है, बल्कि सभी धर्म के लोगों के स्वागत की परंपरा रही है। सोमवार को यह व्यवस्था हिंदू कार्यकर्ता और भाजपा समर्थक टीजी मोहन दास की ओर से दायर याचिका के जवाब में दी गई है। केरल सरकार ने अगले महीने मंदिर के खुलने पर उसके भीतर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था करने का फैसला लिया है।
अगले महीने कपाट खुलने पर मंदिर के भीतर बाहर सुरक्षा व्यवस्था करेगी राज्य सरकार
दास ने अपनी याचिका में कहा था कि हाई कोर्ट यह व्यवस्था दे कि मंदिर केवल श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा। अदालत ने उनका यह अनुरोध स्वीकार नहीं किया और कहा कि सबरीमाला मंदिर सभी के लिए खुला है। इसके साथ कोर्ट ने त्रावणकोर देवासम बोर्ड और राज्य सरकार से इस मुद्दे पर अपना शपथपत्र दायर करने के लिए कहा है। मामले पर दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी।
देवासम पीठ के सामने पेश दूसरी याचिका चार महिलाओं की थी। श्रद्धालु महिलाओं ने मंदिर में पूजा करने के लिए सुरक्षा की मांग की है। राज्य सरकार ने कहा कि यदि तीर्थयात्री श्रद्धालु है तो उसकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि वह इस संबंध में कुछ नहीं कर सकता क्योंकि राज्य सरकार ने आश्वासन दे दिया है। मंदिर पांच नवंबर को एक दिन के लिए और फिर 16 नवंबर से दो माह तक सालाना तीर्थयात्रा के लिए खुला रहेगा।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह करेंगे सबरीमाला में दर्शन
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सालाना तीर्थयात्रा के लिए सबरीमाला मंदिर के कपाट खुलने के बाद 17 नवंबर को भगवान अयप्पा की पूजा कर सकते हैं। यह जानकारी पार्टी के एक नेता ने दी है। भाजपा अध्यक्ष ने सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है।
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन करने पर 3,345 से ज्यादा लोगों को 26 अक्टूबर तक गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं इस मामले में राज्य भर में विभिन्न पुलिस थानों में 26 अक्टूबर से अब तक 517 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। सबरीमाला के तांत्री (मुख्य पुजारी) परिवार के सदस्य और अयप्पा धर्म सेना के अध्यक्ष राहुल ईश्वर को रविवार सुबह कोच्चि में गिरफ्तार किया गया। पुलिस को शिकायत मिली थी कि राहुल ईश्वर ने पिछले हफ्ते कोच्चि में इस मुद्दे पर भड़काऊ टिप्पणी की थी।
उन्होंने कहा था कि अगर दस से 50 साल की महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश किया तो मंदिर को बंद करने के लिए वह उसके प्रांगण में खून बिखेर देंगे। इस बीच, पिछले 12 घंटों में भगवान अयप्पा के मंदिर वाले जिले पथनामथित्ता के साथ ही तिरुवनंतपुरम, कोझिकोड, एनार्कुलम के पुलिस स्टेशनों में 500 से ज्यादा गिरफ्तारियां दर्ज की गई हैं।
पुलिस के मुताबिक, अभी तक केवल 122 प्रदर्शनकारी रिमांड में हैं जबकि अन्य को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। हालांकि, केरल पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा ने निर्देश दिया है कि उन लोगों की गिरफ्तारी नहीं की जाए जिन्होंने भजन और प्रार्थनाओं के जरिए अपना विरोध जाहिर किया था। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को अपने फैसले में 10 से 50 साल तक की उम्र की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था, लेकिन पिछले दिनों सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर लगातार विवाद जारी रहा और प्रदर्शनकारियों ने उन्हें वापस लौटने के लिए मजबूर कर दिया था।
सबरीमाला मंदिर केवल हिंदुओं के लिए नहीं, बल्कि सभी धर्म के लोगों के लिए खुला है: हाई कोर्ट
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