लखनऊ:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब देश का अन्नदाता ऊर्जादाता भी बन सकेंगे। इससे देश में बड़ा परिवर्तन आएगा। मोदी शुक्रवार से राजधानी में शुरू हुए कृषि कुंभ में अपने उद्घाटन भाषण में बोल रहे थे। दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिए अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि प्रयागराज में लगने वाले कुंभ में अभी समय है लेकिन एक और कुंभ राजधानी लखनऊ में आज से शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि कुंभ मानवता के परस्पर विचारों का बड़ा आयोजन है। इससे किसान जरूर लाभान्वित होंगे। उत्तर प्रदेश देश के फूड बास्केट में 20% की हिस्सेदारी करता है जो देश के विकास से बड़ा सहयोग है।
मोदी ने कहा हरित क्रांति के बाद देश सफेद एवं नीली क्रांति की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि खेती की कोई भी चीज कचरा नहीं होती। किसान सुनार बन कर खेती को सोना बना दें। प्रधानमंत्री ने कहा कि खेती का पैटर्न तेजी से बदल रहा है। तकनीक हमारी सिंचाई व्यवस्था का हिस्सा बनती जा रही है। जल प्रबंधन के तहत ड्रिप इरिगेशन या टपक सिंचाई तथा स्प्रिंकलर जैसे तकनीक का खेती में तेजी से प्रयोग बड़ा है। इजराइल की तो इस पद्धति में विशेषज्ञता हासिल है।
हालत यह है कि हम बिजली पंप को सोलर पंप में बदलने की तरफ आगे बढ़ चुके हैं। विद्युत और डीजल से चलने वाले पम्पों को शौर्य ऊर्जा से चलाने का अभियान शुरू किया गया है। इससे जहां किसानों को मुफ्त में बिजली मिलेगी। वहीं बची हुई बिजली को किसान कंपनियों को बेच भी सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान का सीधा लाभ किसानों को मिले उस पर तेजी से अनुसंधान चल रहा है। इसके पूरा होते ही नई से नई तकनीक की जानकारी बहुत ही कम समय में किसानों को मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कम लागत पर अधिक लाभ की नीति पर सरकार काम कर रही है। इसके लिए बीज से बाजार तक की एक मजबूत व्यवस्था तैयार की जा रही है। मोदी ने कहा कि देशभर में खेती की सेहत सुधारने के लिए अब तक करीब 16 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटे गए हैं जिसमें अकेले यूपी में 3 करोड़ कार्ड बनाए गए हैं। यह कार्य मिट्टी की गुणवत्ता के साथ उसकी उपजाऊ पन को भी बनाए रखने की है। अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने योगी सरकार की जमकर तारीफ भी की। कहा कि योगी सरकार किसानों से उनके उत्पाद खरीदने में रिकॉर्ड स्थापित करती जा रही है। गेहूं को ही लीजिए पिछले वर्ष पूर्व के वर्षों से 7 से 8 गुना करीब 55 लाख तक गेहूं किसानों से खरीदा गया यह खरीदारी में तकनीक के माध्यम से सीधे किसानों से की गई और बिचौलियों को बाहर कर दिया गया। ऐसा बदलाव सिर्फ यह हो और धान की खरीद में ही रहे बल्कि करने की खरीद में भी रही पहली बार किसानों से सीधे आलू भी खरीदा गया।
किसानों के लिए बीज से बाजार तक की एक मजबूत व्यवस्था की तैयारी: मोदी
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