सीबीआइ में उपजे विवाद के साथ कई मसले एक साथ खड़े हो गए हैं। विवाद गहराते ही सीबीआइ के कई अफसरों को इधर से उधर किया गया। इस मामले में आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस बीच कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। विपक्ष का दावा है कि अहम जांच को प्रभावित करने के लिए सरकार का ये नया पैंतरा है। उधर, सरकार का दावा है कि जांच को निष्पक्ष ढंग से निपटाने के लिए यह कदम जरूरी था। फिलहाल आलोक वर्मा के पास वो सात फाइलें मिली हैं, जिसकी जांच के गंभीर नतीजे होते। आइए, जानते हैं उन सात फाइलों के बारे में, जो उनके कक्ष में मिली हैं या जिस पर आलोक वर्मा की हरी झंडी का इंतजार था।
1- राफेल सौदे की फाइल
रफ़ाल सौदे की शिकायत वाली फाइल भी आलोक वर्मा की टेबल पर है। रफाल सौदे को लेकर इन दिनों सियासत तेज है। इस सौदे को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है। बता दें कि आलोक वर्मा को चार अक्टूबर को भाजपा नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने 132 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी।
2- मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया केस
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में भ्रष्टाचार का मामला भी आलोक वर्मा देख रहे हैं। इसकी फाइल भी इनके कमरे में है। इस मामले में कई उच्च स्तरीय लोग जुड़े हैं। इस भ्रष्टाचार में इन लोगों की भूमिका की जांच चल रही थी। इसमें उड़ीसा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आईएम कुद्दुसी का भी नाम शामिल है। कुद्दुसी के खिलाफ चार्जशीट तैयारी कर ली गई थी और उन पर अलोक वर्मा के दस्तख़त होने बाकी थे।
3- न्यायाधीश एसएन शुक्ला केस
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एसएन शुक्ला का नाम भी इस मामले में सामने आया था। उन्हें मेडिकल सीटों पर ऐडमिशन में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते छुट्टी पर भेज दिया गया था। इस मामले में प्राथमिक जांच पूरी कर ली गई थी और सिर्फ़ आलोक वर्मा के हस्ताक्षर की ज़रूरत थी।
4- वित्त एवं राजस्व सचिव हंसमुख अधिया
एक और मामले में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के सीबीआई को सौंपे वो दस्तावेज़ शामिल हैं जिनमें उन्होंने वित्त एवं राजस्व सचिव हंसमुख अधिया के ख़िलाफ़ शिकायत की है।
5- कोयले की खदानों का आवंटन मामला
कोयले की खदानों के आवंटन मामले में प्रधानमंत्री के सचिव आईएएस अधिकारी भास्कर खुलबे की संदिग्ध भूमिका की सीबीआई जांच की जा रही थी। यह फाइल भी अालोक वर्मा के दफ्तर में है।
6- नौकरी में रिश्वत का मामला
नौकरी के लिए नेताओं और अधिकारियों को रिश्वत देने के संदेह में दिल्ली आधारित एक बिचौलिए के घर पर छापा मारा गया था। इस मामले की भी जांच चल रही है।
7- संदेसरा और स्टर्लिंग बायोटेक मामला
इसके अलावा संदेसरा और स्टर्लिंग बायोटेक के मामले की जांच पूरी होनी वाली थी। इसमें सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की कथित भूमिका की जांच की जा रही थी। करीब एक साल से सीबीआइ निदेशक और विशेश निदेशक के बीच विवाद चल रहा है। ऐसे में यह फाइल उपयोगी है।
बता दें कि आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को बुधवार देर रात सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया है। लेकिन आलोक वर्मा ने इसका विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
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