मुंबई। साध्वी श्री आणिमाश्रीजी एवं साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी ठाणा 6 के सांनिध्य में ज्ञानशाला प्रशिक्षक सम्मेलन रंग तरंग का आयोजन मधवागणी जॉन द्वारा महाप्रज्ञ पब्लिक स्कूल में किया। लगभग सवा दो सौ प्रशिक्षिकाओ की उपस्थिति रही। मधवागणी जॉन के अंतर्गत दक्षिण मुंबई , एलपिस्टन, दादर, बड़ाला, खार, सांताक्रुज , बांद्रा व विलेपार्ले ज्ञानशाला की लगभग चालीस प्रशिक्षिकाओ ने अभ्यागत सभी जोन की प्रशिक्षिकाओ का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्षा कुमुद कच्छारा मुंबई महिला मंडल अध्यक्षा जयश्री बड़ाला, मुंबई ज्ञानशाला की आंचलिक संयोजिका सुमन चपलोत , सह संयोजिका अनिता परमार, विभागीय संयोजिका राजश्री कच्छारा, पूर्व आंचलिक संयोजिका निर्मला चंडालिया, सुधा सियाल, की विशेष रूप से उपस्थिति रही। मघवागणि जोन की प्रशिक्षिकाओ द्वारा मंगलाचरण हुआ । विशेष सहयोगी आचार्य महाप्रज्ञ विद्यानिधि फाउंडेशन के अध्यक्ष किशनलाल डागलिया भी उपस्थित थे ।
साध्वी श्री आणिमाश्रीजी ने अपने प्रेरक उदबोधन में कहा बच्चो को संस्कारित करने वाला एक महान उपक्रम है। ज्ञानशाला भावी पीढ़ी के भविष्य को समुज्ज्वल करने का सक्षम साधन है, ज्ञानशाला अध्यात्मय के रंग जीवन को बहुरंगी बनाने का माध्यम है ज्ञानशाला मुंबई महानगर की प्रशिक्षिका बहनो की यह विशाल उपस्थित इस विश्वास को ओर अधिक संपुष्ट कर रही है। कि हमारी युवा पीढ़ी की ये महिलाएं अपने समय का सार्थक उपयोग बच्चों के भीतर ज्ञान की तरंगों को तरंगित करने में कर रही है। यही वह समय है, जो बच्चो के जीवन को संस्कारो के इंद्रधनुष रंग से रंगीन बनाया जा सकता है। रंग तरंग कार्यक्रम की समायोजन में माघवागणी जोन की प्रशिक्षिकाओ का श्रम सार्थक हुआ है। साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी ने अपने मंगल उदबोधन में कहा घर का चिराग है बालक भविष्य की रोशनी है बालक बाल जीवन ही सर्जन का स्वर्णिम अवसर है। वह घर परिवार वह समाज सदैव विकास के शिखर पर पहुचा है। जिसने अपनी बाल पीढ़ी को सचेष्ट बनकर समता है। कृर्ति पुरूष आचार्य तुलसी का एक अमर अवदान है ज्ञानशाला आप सब बहनो ने ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियो के बीच रहकर उन्हें संस्कारी बनाने का अवसर मिला है। प्रशिक्षिका बहनो का विशेष दायित्व है कि वे स्वयं ज्ञानार्जन के रंग से तरंगित बने एवं ज्ञानार्थियो को उस दिशा में प्रस्थित होने के लिए प्रेरित करे। आंचलिक संयोजिका सुमन चपलोत की पूरी टीम इस दिशा में जागरूक एवं सक्रिय है। सारी प्रशिक्षिकाओ के भीतर नए जोश व उत्साह का संचार करती रहती है। राष्ट्रीय अध्यक्षा कुमुद कच्छारा ,साध्वी मैत्रीप्रभाजी, जयश्री बड़ाला,ने अपने भावो की प्रस्तुति दी। विनीता धाकड़ ने स्वागत भाषण की प्रस्तुति दी। साध्वी सुधाप्रभाजी ने कार्यक्रम की संयोजना की । साध्वी कर्णिका जी , साध्वी स्मतव्यशाजी का भी सहयोग रहा।
डायरी विमोचनः इस अवसर पर ज्ञानशाला विभाग दिग्दर्शिका का विमोचन तारा चन्द बांठिया परिवार एवं सम्मानित मंच द्वारा किया गया। अनिता परमार ने इसका संचालन किया। ताराचंद बांठिया परिवार का सम्मान किया गया।
राजश्री कच्छारा ने ऑनलाइन प्रतियोगिता के विजेताओं के नाम की घोषणा की । चंचल परमार ने इस वर्ष ज्ञानशाला परिवार में होने व बड़ी तपस्या के तपस्वियों का सम्मान करवाया। रिंकी भंसाली व विजयश्री डॉगलिया ने ग्रुप एक्टिविटी का आयोजन किया। रंगोली में मेहंदी क्राफ्ट जैसी एक्टिविटी का आयोजन स्वीटी धाकड़ कविता कोठारी ने निर्णायक की भूमिका अदा की । रीना बाफना ने प्रश्न मंच का सुंदर संचालन किया। मघवागणी जोन से हर क्षेत्र से आध्यात्मिक विषय पर एक प्रोजेक्ट मॉडल तैयार किया गया। जिसकी व वॉक प्रस्तुति प्रशिक्षिकाओ ने दी। बेस्ट डांसर को पुरस्कृत किया गया। डिम्पल परमार , रंजना सिंघवी, विजयश्री डॉगलिया, ने प्रथम दिव्तीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। सेल्फी काउंटर का आयोजन रेणु बोलिया ने किया।
इस कार्यक्रम व्यवस्था में दक्षिण मुंबई से अशोक बरलोटा , प्रदीप ओसवाल , कविता ओसवाल, निर्मला पोरवाल , पुष्पा धाकड़, रेखा बरलोटा, भूमि पारख , मोनिका सिंघवी, मीना मेहता, आशा कोठारी, प्रेमा धोका, रेखा बोहरा, एकता समदरिया, मीना मेहता, ज्योति चपलोत, वन्दना राठौड़, चन्दा सिंघवी, रमिला गन्ना, सारिका बड़ाला, आशा डूंगरवाल, पुष्पा कोठारी, का सहयोग रहा । पूरे कार्यक्रम का संचालन सुनीता कोठारी और डिम्पल परमार, ने किया। आचार्य महाप्रज्ञ विधानिधि फाउंडेशन ने कार्यक्रम की सुंदर व्यवस्था की। यह जानकारी नितेश धाकड़ ने दी।
कालबादेवी में मुंबई स्तरीय ज्ञानशाला प्रशिक्षक सम्मेलन का आयोजन
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