ठाणे। मुनिश्री महेन्द्र कुमार जी ठाणा ५, के सानिध्य में 20 अक्टूबर शनिवार, सुबह 9 से सांय 5 बजे तक तेरापंथ भवन, ठाणे में भक्तामर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में प्रशिक्षण के लिये भक्तामर विशेषज्ञ दंपति श्रीमति प्रिया जैन एवं श्री प्रदीप जैन दिल्ली से पधारे।
इसमें लगभग 250 व्यक्तियों भाग लिया जो सिर्फ ठाणे व मुम्बई से ही नही थे वरन नासिक पनवेल विरार आदि दूर दूर के क्षेत्रों से भी आये थे।
कार्यक्रम की शुरुआत मुनिश्री अभिजित कुमार जी के पावन पाथेय से हुई,आपने 1200 वर्ष पूर्व रचित इस प्रभावशाली स्तोत्र पर विशेष जानकारी दी,तथा बताया कि अपने विद्यार्थी जीवन में वे भक्तामर का अर्थ सहित नियमित स्वाध्याय करते थे।भक्तामर आज भी हमारे जीवन की बहुत सी समस्याओ के निराकरण की क्षमता रखता है,यदि श्रद्धा के साथ उसका स्वाध्याय किया जाये।मुनि श्री जागृत कुमार जी ने इस चातुर्मास में भक्तामर के 44 गाथाओ की अर्थ सहित व्याख्या की तथा 15 अक्टू० को एक लघु कार्यशाला भी ली थी।
डॉ० प्रदीप जी एंव प्रिया जी ने पहले वैज्ञानिक आधार पर मंत्र कैसे प्रभावित करते हैं को रोचक तरीके से प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया,भक्तामर के रचियता आचार्य मानतुंग ने किन परिस्थितियों में इस स्तोत्र की रचना की थी को लघु फिल्म के माध्यम से बताया।विभिन्न लोग जो इसका लाभ उठा चुके हैं के अनुभव भी बताये गये।
पूरे भक्तामर स्तोत्र का उच्चारण ,बीज मंत्र तथा ऋद्धि के माध्यम से किस तरह बडे से बडे रोग,आर्थिक,पारिवारिक व अन्य समस्याओं का इलाज किया जा सकता है का प्रशिक्षण दिया।
ठाणे ज्ञानशाला की 26 प्रशिक्षिकाओ का विज्ञ विषारद स्नातक के परीक्षाओं में उतीर्ण होने पर उनका सम्मान किया गया।
तेरापंथी सभा ठाणे के उपासक मंत्री जयंती जी बरलोटा पूरी कार्यशाला में उपस्थित रहे,सभा अध्यक्ष देविलालजी श्रीश्रीमाल, कोषाध्यक्ष महेन्द्र जी पुनमिया,नवरत्नजी दुग्गड़,महिला मंडल की संयोजिका रमिला वडाला,वनिता मेहता,चेतना बाफना तथा अन्य महिला कार्यकर्ताओं का व्यवस्था तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष सहयोग रहा।
कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता उपासिका श्रीमति प्रतिभा चौपडा ने किया।
ठाणे में भक्तामर – कार्यशाला का आयोजन
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