नई दिल्ली: 1 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी दिखाने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या पिछले 4 साल में 60 फीसदी बढ़कर 1.40 लाख हो गई है। सेट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने यह भी कहा है कि इसी अवधि में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में भी 80 फीसदी का इजाफा हुआ है।
सीबीडीटी चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा है कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान डायरेक्ट टैक्स-जीडीपी अनुपात (5.98 फीसदी) पिछले 10 सालों में सबसे अच्छा रहा है। पिछले 4 साल में जीएसटी रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या 80 फीसदी इजाफे के साथ 2013-14 में 3.79 करोड़ से बढ़कर 2017-18 में 6.85 करोड़ हो गई।
CBDT की ओर से कहा गया है कि 1 करोड़ से अधिक आय वाले इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स की संख्या में 68 फीसदी की वृद्धि हुई है। 1 करोड़ से अधिक आमदनी दिखाने वाले टैक्सपेयर्स (कॉर्पोरेट, फर्म्स, हिंदू अविभाजित परिवार और अन्य) की संख्या भी तेजी से बढ़ी है।
सीबीडीटी ने कहा, ‘आकलन वर्ष (असेसमेंट इयर) 2014-15 में जहां 88 हजार 649 लोगों ने अपनी आमदनी 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की घोषित की, वहीं आकलन वर्ष 2017-18 में इनकी संख्या बढ़कर 1 लाख 40 हजार 139 हो गई। इस तरह करोड़पति टैक्सपेयर्स की संख्या में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’
इसी तरह, आकलन वर्ष 2014-15 से आकलन वर्ष 2017-18 के बीच 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की आय वाले इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स की संख्या भी 48 हजार 416 से बढ़कर 81 हजार 344 हो गई है। यानी, पिछले चार वर्षों में इनकी तादाद में कुल 68 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने करोड़पति टैक्सपेयर्स की संख्या में इस इजाफे का श्रेय इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के विभिन्न प्रयासों को दिया है। उन्होंने कहा कि यह संख्या इनकम टैक्स डिपार्मेंट की ओर से पिछले चार सालों के दौरान कानून में सुधार, सूचना के प्रसार एवं कड़ाई से कानून का पालन करवाने की दिशा में उठाए गए कदमों का परिणाम है।
सीबीडीटी ने यह भी कहा है कि पिछले चार सालों के दौरान फाइल किए गए आईटीआर रिटर्न्स में 80 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है और यह 2013-14 के 3.79 करोड़ से बढ़कर 2017-18 में 6.85 करोड़ हो गया है।
ITR फाइल करने वालों की संख्या 4 साल में 80 फीसदी बढ़ी
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