मुम्बई। साध्वी श्री आणिमाश्रीजी व साध्वी मंगलप्रज्ञा जी के सांनिध्य में महाप्रज्ञ पब्लिक स्कूल में नवरात्र के विशेष अवसर पर आध्यात्मिक अनुष्ठान का महत्वपूर्ण कार्यक्रम समायोजित हुआ। इस अनुष्ठान में पूरी परिषद ने शक्ति संवर्धन व विशिष्ट ऊर्जा की अनुभूति की। साध्वी श्री आणिमाश्रीजी ने अपने प्रेरक व मंगल उदबोधन में कहा नवरात्र का समय शक्ति संवर्धन व शक्ति संचय का महत्वपूर्ण समय है। यह समय ऊर्जा के उन्नयन एवं ऊर्जा के प्रस्फोटन का समय है। प्रत्येक व्यक्ति के भीतर ऊर्जा का अक्षय भंडार निहित है। उसका सम्यक रूप से उद्घाटन कैसे हो? इस विधि को जाने बिना व्यक्ति अपनी शक्ति से लाभान्वित नही हो सकता । मन्त्र साधना एक ऐसी अमूल्य विधि है, जिसके द्वारा व्यक्ति व्यक्ति शक्ति संपन्न बन सकता है। वैसे मन्त्रो की साधना हर समय चलती रहती है, किन्तु कुछ दिन विशेष महत्व लिए हुए होते है। इन दिनों में विधिपूर्वक किया गया अनुष्ठान शक्ति जागरण करने में विशेष सहयोगी बनता है। साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने कहा सौरमण्डल से जो विकिरण धरती पर आते है, उसका प्रभाव स्पष्ट रूप से प्रत्येक जीवन धारी पर पड़ता है। ये विकिरण जहा कुछ लाभदायक तो कही कष्ट दायक स्थिति का निर्माण भी कर देते है। उनके दुष्प्रभावो से बचने के लिए मन्त्र साधना उपयोगी है। हम आभारी है, आचार्य तुलसी व आचार्य महाप्रज्ञजी के जिन्होने व्यवस्थित अनुष्ठान संघ को दिया। यह अनुष्ठान संघ को दिया। यह अनुष्ठान हमारी प्राणऊर्जा को बढाने वाला है। साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने प्रातः केंद्र द्वारा निर्धारित जप अनुष्ठान करवाया। सैकड़ों भाई बहनों के तन्मयता व एकाग्रता के साथ अनुष्ठान किया। रात्रि को रक्षा कवच , नवग्रह शन्ति अनुष्ठान व शांति प्रदायक शांतिनाथ का अनुष्ठान भी साध्वी श्रीजी ने करवाया। पूरी परिषद ने कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा रात्री में पहली बार ऐसा अनुभव हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि हमारे भीतर एक नई ऊर्जा का संचार हुआ हो। साध्वी कर्णिका प्रभाजी, साध्वी सुधाप्रभाजी, साध्वी स्मतव्यशाजी व साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने अपने विचारों की प्रस्तुति दी। यह जानकारी मीडिया प्रभारी नितेश धाकड़ ने दी।