रायपुर:छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी लगातार चौथी बार सत्ता में वापसी के लिए टिकट बंटवारे में जनसंख्या के मामले में अहम पिछड़ी जातियों को साधने की पूरी कोशिश की है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पारंपरिक राजनांदगांव सीट से प्रत्याशी होंगे। वहीं दूसरी ओर पार्टी ने 14 विधायकों की टिकट काट दी है, इस लिस्ट में मंत्री रमशीला साहू भी शामिल हैं। भाजपा ने जिन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है उनमें पूर्व आईएएस अधिकारी ओ पी चौधरी और जनजातीय नेता रामदयाल उइके शामिल हैं जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा है।
किस वर्ग को दी कितनी टिकटें
बीजेपी ने शनिवार को 77 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी जिसमें से 17 टिकट पिछड़े वर्ग को दिया है। राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में 29 सीटे अनुसूचित जनजाति एवं 10 सीटे अनसूचित जाति के लिए आरक्षित है। शेष 51 सीटे ही सामान्य उम्मीदवारों के लिए है। बीजेपी ने अभी 13 सीटो पर उम्मीदवार घोषित नही किए है। संभावना है कि इसमें भी कुछ सीटे पार्टी के पिछड़े वर्गों को और दे सकती है।
घोषित 77 उम्मीदवारों में पार्टी ने पिछड़े वर्गों की आबादी के हिसाब से मानी जाने वाली अहम जाति साहू के 10 उम्मीदवारों को मौका दिया गया है, जबकि पिछड़े वर्ग की दूसरी अहम जाति कुर्मी-चन्द्राकर के पांच उम्मीदवारों को टिकट दी गई है। पिछड़े वर्ग की जाति यादव एवं जायसवाल के भी उम्मीदवारों को एक एक सीट पर मौका दिया गया है।
किस जाति को कितनी सीटें
राज्य में जनसंख्या के हिसाब से किसी एक जाति के रूप से साहू सबसे बड़ी जाति मानी जाती है। इसकी आबादी लगभग 17 प्रतिशत बताई जाती है। पार्टी ने सामाजिक सन्तुलन बरकरार रखने के लिए ऊंची जातियों को भी साधने की कोशिश की है। पार्टी ने चार ब्राह्मणों, चार अग्रवाल, तीन जैन, तीन क्षत्रिय उम्मीदवारों को भी मौका दिया है। हालांकि राज्य में आबादी के हिसाब के इनकी संख्या काफी कम है।
राज्य में 65 प्लस सीटे जीतने के पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के तय किए गए लक्ष्य को हासिल करने के लिए पहले माना जा रहा था कि वह राज्य के कई लोकसभा एवं राज्यसभा सदस्यों को इस बार विधानसभा चुनाव के मैदान में उतार सकती है, लेकिन पार्टी ने केवल कांकेर से सांसद विक्रम उसेन्डी को ही अन्तागढ़ से उनकी परम्परागत सीट पर टिकट दिया है।
कई पार्टी नेताओं के काटे टिकट
पार्टी सूत्रों के अनुसार, महासमुन्द के सांसद चन्दूलाल साहू, बस्तर के सांसद दिनेश कश्यप, रायपुर के सांसद रमेश बैस, राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय एवं रामविचार नेताम ने पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी लेकिन पार्टी ने इसे तरजीह नही दी। इनमें सुश्री पाण्डेय एवं श्री नेताम कई बार मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर बयान भी दिए थे। सूत्रों के अनुसार पार्टी कड़े चुनावी मुकाबले में इन्हे टिकट देकर कोई गलत सन्देश नही देना चाहती थी।
14 विधायकों के टिकट काटे
बीजेपी के 50 प्रतिशत तक मौजूदा विधायको के टिकट कटने के संकेत दिए जा रहे थे और मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह भी इसका संकेत कई बार दे चुके थे लेकिन मौजूदा विधायको के महज 14 टिकट कटे है उसमें भी चन्द्रपुर में स्वं दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र युद्दवीर सिंह की टिकट काटकर उनकी पत्नी संयोगिता सिंह जूदेव को तथा लैलूंगा से सुनीती राठिया की जगह उनके पति सत्यानंद राठिया को टिकट दी गई है।
बेलतरा से विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान का टिकट स्वास्थगत कारणों से कटना पहले से ही तय माना जा रहा था,जबकि राजधानी से सटे आरंग के विधायक नवीन मारकंडेय के टिकट कटने पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। राजधानी की चार विधानसभा सीटो में से एक रायपुर उत्तर की सीट भी उन 13 सीटों में शामिल है जिनके उम्मीदवार अभी घोषित नही किए गए है। इन 13 में से भाजपा के पास इस समय चार ही सीटे है। सूत्रों के अनुसार इन सीटो पर पार्टी में एक तो कई दमदार दावेदार है दूसरा कांटे का मुकाबला पिछले चुनावों में रहा है। पाटीर् इन सीटो पर उम्मीदवार घोषित करने से पहले कांग्रेस की सूची का इंतजार कर सकती है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव: 65+ सीट जीतने के लिए ये है BJP का ‘टिकट गणित’
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