इस्लामाबाद: दिवालिया होने की दहलीज पर खड़े पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने शनिवार को दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से आखिरी बार कर्ज लिया जा रहा है। हालांकि, पाकिस्तान के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में कहा था कि मौजूदा नकदी संकट से निपटने के लिए आईएमएफ के कर्ज की शायद जरूरत नहीं पड़े।
पाकिस्तान इससे पहले भी 12 बार आईएमएफ से कर्ज ले चुका है। पाकिस्तान की पिछली सरकारों ने भी विभिन्न मौकों पर आईएमएफ से लिए गए कर्ज के आखिरी होने का मौके-बेमौके दावा किया था। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार ने 2013 में इसी तरह के संकट से बचने के लिए आईएमएफ से 6.6 अरब डॉलर का कर्ज लेने के बाद ऐसा ही दावा ही किया था।
वित्त मंत्री असद उमर ने कराची शेयर बाजार को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह आईएमएफ से लिया जाने वाला 13वां और अंतिम कर्ज है। हम तेजी से दिवालिया होने की ओर बढ़ रहे हैं। हमें 21 करोड़ पाकिस्तानियों का बचाव करना है।’ उमर का यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने आने वाले साल में मुद्रास्फीति के 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाने तथा आर्थिक वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रहने के लक्ष्य से पीछे रह जाने की चेतावनी दी है।
मौजूदा सरकार आईएमएफ से लिए जा रहे 13वें कर्ज के बारे में विरोधाभासी बयान दे रही है। उमर के इस बयान से पहले इमरान ने इसी सप्ताह कहा था कि संभवत: आईएमएफ से इस कर्ज की जरूरत नहीं पड़े। आईएमएफ का एक दल कर्ज की शर्तों पर बातचीत के लिए नवंबर की शुरुआत में पाकिस्तान आने वाला है।
पाकिस्तान ने कहा IMF पर निर्भरता होगी खत्म, आखिरी होगा कर्ज
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