नई दिल्ली: श्री लंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेना ने बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी से बात की। उन्होंने कहा कि उनकी और पूर्व रक्षा सचिव की हत्या की साजिश में भारत के शामिल होने की मीडिया रिपोर्ट पूरी तरह से गलत हैं। उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट पूरी तरह झूठी हैं और इसके जरिए दोनों देशों के नेताओं में गलतफहमी पैदा करने की कोशिश की गई है। इनका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों में कड़वाहट लाना है।
सिरिसेना ने पीएम मोदी को भरोसा दिलाया कि इसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की गई है और सार्वजनिक तौर पर रिपोर्ट को खारिज किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत और श्री लंका के बीच संबंध मजबूत हैं और आगे भी वह पीएम मोदी के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी राष्ट्रपति सिरिसेना के इस कदम की सराहना की।
बता दें कि कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक के बाद एक मंत्रालय सूत्र के हवाले से इकनॉमीनेक्स्ट डॉट कॉम ने यह खबर दी थी कि सिरीसेना ने गठबंधन में शामिल साझेदार दल, यूनाइटेड नैशनल पार्टी (यूएनपी) पर अपनी और रक्षा मंत्रालय के पूर्व सचिव गोटाभाया राजपक्षे की हत्या की कथित साजिश को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया है। अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर एक मंत्री ने दावा किया कि राष्ट्रपति ने कहा है कि भारत की विदेशी गुप्तचर एजेंसी ‘रिसर्च ऐंड ऐनलिसिस विंग’ (रॉ) इस साजिश के पीछे है।
कैबिनेट प्रवक्ता रजीता सेनारत्ने ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में इन खबरों को खारिज कर दिया और इसे ‘पूरी तरह असत्य’ करार दिया था। सेनारत्ने ने कैबिनेट सचिव एस एबेसिंघे का एक बयान पढ़ा, जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने अपनी हत्या की साजिश रचे जाने के बारे में रॉ के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर 2018 को राष्ट्रपति सचिवालय में कैबिनेट बैठक के दौरान चर्चा किए गए विषयों पर प्रकाशित एवं प्रसारित खबरों पर कैबिनेट मंत्रियों के प्रमुख के तौर पर राष्ट्रपति ने ध्यान दिया। इस बात पर जोर दिया गया कि वे खबरें पूरी तरह से असत्य हैं।
राष्ट्रपति सिरिसेना ने पीएम मोदी से फोन पर बात की, बोले- गलत खबरों के जरिए संबंध बिगाड़ने की साजिश
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