तिरुवनंतपुरम:केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हो रहा विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बुधवार को महिलाएं मंदिर तक नहीं पहुंच पाई। अब सबरीमाला संरक्षण समिति ने गुरुवार को 12 घंटे राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है। बीजेपी, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और अन्य स्थानीय संगठनों ने इस बंद को अपना समर्थन दिया है। यह बंद श्रद्धालुओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में बुलाया गया है। वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि वह इस बंद में शामिल तो नहीं होगी लेकिन पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेगी।
प्रदेश के निल्लकल, पंपा, एल्वाकुलम, सन्निधनम में धारा-144 लागू कर दी गई है। इस इलाके में एकसाथ चार से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकते हैं। केरल बीजेपी के नेता श्रीधरन पिल्लई ने मीडिया से कहा कि भगवान अयप्पा के भक्तों पर पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ उन्होंने पार्टी वर्कर्स से इस बंद में शामिल होने की अपील की है। विजयन सरकार की तीखी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज को किसी भी तरीके से जायज नहीं ठहराया जा सकता है।
इधर, त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड (टीडीबी) के पूर्व अध्यक्ष पी. गोपालकृष्णन ने कहा कि सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हम केंद्र सरकार से अध्यादेश लाने की मांग करते हैं। वहीं, कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि कुछ मंदिरों की परंपरा का जरूर पालन किया जाना चाहिए। कोर्ट मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दे रहा है, लेकिन 50-70 सालों से किसी भी बच्ची/महिला (10-50 साल उम्र के बीच की) ने भगवान अयप्पा की पूजा नहीं की। यह हमारा विश्वास है और हम इसका पालन करते हैं।
सबरीमाला प्रटेक्शन कमिटी के बंद की घोषणा और सियासी दलों की ओर से मिल रहे समर्थन ने स्थानीय प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अभी भी मंदिर परिसर के बाहर तनाव का माहौल है। बुधवार को कई महिलाओं को भगवान अयप्पा के दर्शन किए बिना ही लौटा दिया गया था। यहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस बल के बीच हिंसक झड़प हुई थी। प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना कुछ महिला पत्रकारों को भी करना पड़ा। उनके वाहनों पर भी हमले किए गए थे।
वरिष्ठ मंत्री ई पी जयराजन ने बताया कि हिंसक प्रदर्शन में 10 मीडियाकर्मी घायल हुए और उनके उपकरणों को नुकसान पहुंचाया गया। मीडिया पर हुए हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि संबंधित धाराओं के तहत संदिग्धों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।
केरल सरकार के मंत्री ईपी जयराजन ने हिंसा के पीछे बीजेपी और आरएसएस का हाथ होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केरल राज्य परिवहन निगम की 10 बसों को नुकसान पहुंचाया गया है। दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को पीटा गया है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबपर लागू होता है और सरकार उसका पालन कर रही है। जयराजन ने कहा कि आरएसएस के लोगों ने जंगलों में छिपकर अयप्पा के श्रद्धालुओं पर हमला किया।
सबरीमाला पर केरल में घमासान जारी, बंद का ऐलान, कई इलाकों में धारा 144 लागू
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