मुंबई:बॉलीवुड में इन दिनों मीटू मूवमेंट जोरो शोरो से चल रहा है। इस कैंपेन के चलते कई कई महिलाओं ने बॉलीवुड स्टार्स पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। इस मूवमेंट में एक्ट्रेस और फिल्ममेकर नंदिता दास के पिता जतिन दास का नाम सामने आया है। जतिन दास मशहूर पेंटर हैं और पद्मभूषण से सम्मानित हो चुके हैं। जतिन दास पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। एक महिला ने सेक्शुअल हैरसमेंट के आरोप लगाते हुए खुलासा किया है कि जतिन ने उन्हें जबरदस्ती किस करने की कोशिश की थी। पिता पर लगे सेक्शुअल हैरसमेंट के आरोप के बाद आखिरकार नंदिता दास ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है और मीटू मूवमेंट पर खुलरकर सामने आई हैं।
आपको बता दें कि मीटू मूवमेंट के शुरू होने के बाद इंडस्ट्री की दिग्गज महिलाओं ने इस बात का ऐलान किया कि वह यौन शोषण के आरोपियों के साथ काम नहीं करेंगे। इन महिलाओं में से एक फेमस ऐक्ट्रेस और फिल्ममेकर नंदिता दास भी थीं। अपने पिता जतिन दास पर लगे आरोप के बावजूद भी नंदिता ने अपने फेसबुक इस कैंपेन से साथ खड़ा रहने की बात कही है।
नंदिता दास अपने पोस्ट में सेक्शुअल हैरसमेंट की शिकार हुई को महिलाओं चेतावनी देते हुए लिखा है कि उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि महिलाओं को किसी पर आरोप लगाने से पहले अपने आरोपों के बारे में “निश्चित” होना चाहिए, ताकि मीटू मूवमेंट सफल हो सके। नंदिता दास ने लिखा है कि – अपने पिता के खिलाफ सेक्शुअल हैरसमेंट आरोपों के बावजूद भी मैं उन महिलाओं के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ी हूं जो दुर्व्यवहार और उत्पीड़न की कहानियों के साथ आगे आई हैं।
बता दें कि जतिन दास पर ये आरोप निशा बोरा ने लगाए हैं। उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर करते हुए पूरी आपबीती सुनाई है। उन्होंने लिखा, मेरी मुलाकात जतिन दास से 2004 में एक इवेंट के दौरान मेरे ससुर के माध्यम से दिल्ली में हुई थी। मैं उनकी बहुत बड़ी फैन थी। जतिन दास ने पहली मुलाकात के दौरान मुझे बतौर असिस्टेंट मुझे कुछ दिन उनके साथ काम करने के लिए कहा। मैं उनकी बहुत बड़ी फैन होने के नाते मैं इस काम के लिए खुशी खुशी तैयार हो गई।
निशा ने बताया, उनका स्टूडियो खिड़की गांव में बना था। वहां उन्होंने अपने लिए पैग बनाया, मुझे ऑफर किया तो मैंने लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने जबरदस्ती मुझे पकड़ने की कोशिश की। जब वहां से खुद को निकालना चाहा तो उन्होंने दोबारा कोशिश की। वो मुझे किस करना चाहते थे, उनकी दाढ़ी के बाल मुझे चेहरे पर महसूस हुए। मैंने उन्हें जोर लगाकर हटाया तो वो कहने लगे अरे, रुको, तुम्हें अच्छा लगेगा।
निशा ने अपने इस पोस्ट में इस का भी खुलासा किया है कि इस घटना के बाद मेरे पास नंदिता का फोन आया। नंदिता ने कहा कि मेरा नंबर उन्हें अपने पिता जतिन दास से मिला था। नंदिता मुझे बतौर असिस्टेंट काम पर रखना चाहती थीं। उन्होंने मेरी काफी तारीफ की। लेकिन उस वक्त नंदिता की सारी बातें मुझे अंदर तक चीर रही थीं। निशा ने कहा, मैं इस मूवमेंट से बहुत खुश हूं। इस मूवमेंट ने मुझे भी हिम्मत दी है। इसकी वजह से ही मैं आज अपने साथ हुए हादसे के बारे में पहली बार बोल सकी हूं।
बता दें कि जतिन दास ने इन आरोपों का खंडन किया और इसे हास्यास्पद व अशिष्ट बताया। दास ने कहा, यह भयावह है। इससे ज्यादा मैं क्या कह सकता हूं। यह बहुत ही घटिया है। उन्होंने बोरा को पहचानने से भी इनकार कर दिया। जतिन दास (76) ने कहा, अगर आप सैंकड़ों लोगों से मिलते हैं और जब कोई इस तरह के आरोप लगाता है तो यह बहुत घटिया है। उन चेहरों को याद रखना बहुत मुश्किल है, लेकिन कोई इस हद तक नहीं गिर सकता।
पिता पर लगे हैरेसमेंट के आरोप के बाद भी #MeToo का सपोर्ट करेंगी नंदिता दास
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