नई दिल्ली:हरियाणा की एक स्थानीय अदालत आज हत्या के दो मामलों में स्व-घोषित संत रामपाल को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले कोर्ट ने गुरुवार को रामपाल को दोषी करार दिया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) डॉक्टर चालिया ने गुरुवार को 2014 के हत्या मामले में सजा सुनाई थी। बरवाला के सतलोक आश्रम प्रकरण में हत्या के मुकदमा नंबर 429 और 430 में हिसार कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था।
इस मामले में सतलोक आश्रम के संचालक और उनके अनुयायियों के ऊपर जिरह सोमवार को ही पूरी हो गई थी। 19 नवंबर 2014 को हिसार के बरवाला शहर के सतलोक आश्रम में एक बच्चे और चार महिलाओं की लाश मिलने के बाद रामपाल और उसके 27 अनुयायियों के खिलाफ हत्या और बंधक बनाए जाने के तहत केस दर्ज किया गया था। जबकि, एक अन्य केस रामपाल और उसके अनुयायिकों के खिलाफ तब दर्ज हुआ जब आश्रम में 18 नवंबर को एक महिला का शव बरामद हुआ।
रामपाल के वकील एमएम नैन ने बताया कि केस में चले ट्रायल के दौरान पीड़ितों के पोस्टमार्ट करनेवालों डॉक्टरों समेत कुल 80 गवाहों के बयान लिए गए थे। रामपाल पर फैसले के चलते कानून व्यवस्था रखने को लेकर हिसार और उसके आसपास रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और अर्धसैनिक बलों के साथ ही चार हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी।
हत्या के दो मामलों में दोषी पाए गए रामपाल को उम्रकैद की सजा
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