भायंदर (मुंबई)। भायंदर में नवान्हिक आध्यात्मिक अनुष्ठान का शुभारंभ करते हुए शासनश्री साध्वी कैलाशवतीजी ने कहा नवरात्रि अध्यात्मिकता की ओर ले जाने वाले हैं। हमारा देश साधना की बलवेदी पर अपने प्राणों को अर्पण करता है। सनातन धर्म या कहूं वैदिक धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। हिन्दू लोग इन दिनों में मां दुर्गा की पूजा, मां शेरावाली की पूजा करते हैं, इन दिनों नवरात्रों की साधना करने वाले प्याज, लहसुन का भी परित्याग करते हैं, ब्रम्हचर्य की कठोर साधना के द्वारा जप अनुष्ठान करते हैं। गुरुदेव द्वारा प्रदत्त अध्यात्मिक अनुष्ठान का प्रयोग करने से पहले शासनश्री जी ने सभी भाई-बहनों को नै संकल्प कराएं व तप का पच्चख्याण कराया।
साध्वी पंकज श्री ने कहा- जप अनेक विघ्न बाधाओं को दूर करता है। जो व्यक्ति अपने अराध्य एवं जप के प्रति समर्पित हो जाता है वह अनेक सिद्धियां तो प्राप्त करता ही है, साथ में आत्मा का उत्थान भी होता है। गुरुदेव आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के शब्दों में इस शक्तिशाली विश्व में प्रत्येक व्यक्ति को शक्तिशाली बनना चाहिए। शक्तिहीन मानव न स्वयं सुखी रहता है न दूसरों को सुख से जीने देता है। संसार में अनेक शक्तियां हैं, उनमें अध्यात्म शक्ति में सबसे बड़ी शक्तिशाली है। अपने आपको स्वस्थ व पीसफुल बनाने के लिए के लिए संदेसुनिम्मलयरा आइज्जेसु अहियं पयासयरा’ सिद्धा सिद्धिं मम दिसंतु’ का जाप करें। साध्वी ललिताश्री, साध्वी शारदाप्रभाजी एवं साध्वी सम्यक्त्वयशा जी ने तन्मयता से अनुष्ठान प्रारम्भ किया। इस सुनहरे मौके पर तेयुप अध्यक्ष विनोद डांगी, मंत्री परेश भंडारी, भगवतीलाल वागरेचा, भगवतीलाल भंडारी, तेरापंथ सभा के अध्यक्ष प्रदीप बच्छावत, मंत्री माणक सालेचा कोषाध्यक्ष मनोज जी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में अच्छी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।
भायंदर में नवान्हिक आध्यात्मिक अनुष्ठान का आयोजन
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