जमशेदपुर:अब कोर्ट मैरिज के लिए अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पहले स्पेशल मैरिज एक्ट में आवेदन करने के 30 दिन बाद ही शादी हो सकती थी। मगर अब 15 दिन में ही शादी हो सकेगी। हालांकि विवाह शुल्क करीब सात गुना अधिक हो गया है। विलंब शुल्क भी जोड़ें तो करीब 13 गुना अधिक फीस चुकानी होगी। अभी तक विलंब शुल्क नहीं लगता है। पुराने विवाह में सिर्फ एक शपथपत्र देना पड़ता था। अब शुल्क भी ऑनलाइन जमा करना होगा।
झारखंड अनिवार्य विवाह निबंधन अधिनियम 2017 की धारा 32 की नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी गई है। गत 6 अक्तूबर को राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव कमल किशोर सोन ने इस पर दस्तखत किए हैं। अर्थात उसी दिन से यह राज्य में प्रभावी हो गया है। इसकी प्रति जिला मुख्यालयों तक भी पहुंच गई है।
पंचायत में भी हो सकेगा विवाह निबंधन
नये विवाह अधिनियम की एक खासियत यह है कि अब सिर्फ रजिस्ट्री ऑफिस जाकर शादी का झंझट खत्म हो गया है। विवाह पदाधिकारियों की संख्या बढ़ गई है। पहले से जो जन्म और मृत्यु निबंधन पदाधिकारी हैं, वही विशेष विवाह निबंधन पदाधिकारी भी होंगे। ऑफलाइन शादी बंद हो गई है। अब कॉमन सर्विस सेंटर अर्थात प्रज्ञा केन्द्र से भी ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे।
सर्टिफिकेट सत्यापन का झंझट खत्म
अब मैरिज सर्टिफिकेट के सत्यापन का झंझट खत्म हो जाएगा। देश दुनिया में कहीं से भी ऑनलाइन विवाह निबंधन का सत्यापन किया जा सकेगा।
अब कोर्ट मैरिज 15 दिन में ही होगी, चुकानी होगी सात गुना अधिक फीस
Leave a comment
Leave a comment