शारदीय नवरात्र की शुरुआत बुधवार को होगी। ज्योतिषियों का मानना है कि देवी आगमन नौका पर हो रहा है जो बहुत ही कल्याणकारी है। पहले दिन कलश स्थापना कर लोग नौ दिन तक देवी के व्रत का संकल्प लेंगे
बुधवार को नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:36 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक है। लेकिन दोपहर 12 बजे के बाद राहू काल लगने से 12 बजे तक ही कलश स्थापना करने का अभिजित मुहूर्त माना जा रहा है। उत्थान जयोतिष संस्थान के निदेशक पं. दिवाकर त्रिपाठी ‘पूर्वांचली’ का कहना है कि सुबह 11:36 से दोहपर 12 बजे तक ही कलश स्थापना का सबसे अच्छा समय है।
पं. दिवाकर त्रिपाठी ‘पूर्वांचली’ के अनुसार यह है कलश स्थापना का सही तरीका। कलश स्थापना के लिए मिट्टी, तांबे या सोने का पात्र लें। पूजा स्थल की अच्छी तरह से सफाई के बाद पहले गाय का गोबर रखें, फिर अक्षत और फूल रखकर कलश स्थापित करें। कलश में जल-पंच पल्लव डालें। कलश के चारों ओर गोबर लगाएं। कलश के ऊपर एक पात्र में अनाज रखें और फिर घी का दीपक जलाकर षोडशोपचार से देवी पूजन का संकल्प लें। इसके बाद पहले गणेश भगवान फिर इष्ट देव और फिर देवी की आराधना करें। देवी को मिष्ठान का भोग लगाएं।