नई दिल्ली:मोदी कैबिनेट ने बुधवार को 10 सेक्टर्स में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स (PLI) लागू करने की मंजूरी दे दी है। इस स्कीम के तहत 5 सालों में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, ऑटो कंपोनेंट्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर को 57,000 करोड़ रुपए की अधिकतम प्रोत्साहन राशि दी गई है। इसके अलावा जिन सेक्टर्स को इसका फायदा होगा उनमें एडवांस सेल केमिस्ट्री, बैटरी, फार्मा, फूड प्रोडक्ट्स और व्हाइट गुड्स शामिल हैं।
इस योजना के अनुसार, केंद्र अतिरिक्त उत्पादन पर प्रोत्साहन प्रदान करेगा और कंपनियों को भारत में बने उत्पादों को निर्यात करने की अनुमति देगा। पिछले महीने नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा था कि PLI स्कीम का लक्ष्य प्रतिस्पर्धात्मक माहौल बनाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना है।
‘यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम फैसला’
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, हमारे यहां मैन्युफेक्चरिंग GDP का 16% है। हमें अभी तक निर्यात बढ़ाने के उपायों में ज्यादा कामयाबी नहीं मिली। उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार 2 लाख करोड़ रुपए का प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव देगी। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम फैसला है।
‘अब मोबाइल और मेडिकल डिवाइस निर्माण बनाने वाली कंपनियों पर फोकस है, क्योंकि मोबाइल की अनेक कंपनियों में FDI आया है, इससे देश में ही उत्पादन और निर्यात बढ़ेगा। देशी कंपनियों को इसका फायदा मिलेगा।’
इन सेक्टर्स में PLI स्कीम पहले से चल रही
सरकार ने इससे पहले कुछ सेक्टर्स में इसे लागू कर दिया है, जैसे कि फॉर्मा, मेडिकल डिवाइसेज, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिंग कंपनीज। इन सभी सेक्टर्स के बाद अब सरकार की योजना इसे अन्य सेक्टर में भी लागू करने की है।
PLI स्कीम के तहत आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 नवंबर हुई
इसके पहले PLI स्कीम के तहत आवेदन करने वाली कंपनियों के लिए अंतिम तारीख को बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया था। वहीं केंद्र सरकार ने फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्रीज के लिए PLI स्कीम की शर्तों को आसान किया था।