इस्लामाबाद:पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि अमेरिका को पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों को भारतीय नजरिये से या अफगानिस्तान के परिप्रेक्ष्य में नहीं देखना चाहिए।
‘डॉन’अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, कुरैशी ने शनिवार को मुलतान में कहा कि यह उम्मीद करना गलत होगा कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच मतभेदों को एक दिन में सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा, क्षेत्रीय परिस्थितियां बदलती हैं और जरूरतें भी बदलती हैं। लेकिन क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में पाकिस्तान के योगदान को स्वीकार किया जाना चाहिए।
पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों में इस साल जनवरी में बहुत गिरावट आई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान ने अमेरिका को झूठ और धोखे के सिवा कुछ भी नहीं दिया और आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराया।
अमेरिका की 10 दिवसीय यात्रा से वापस लौटने के बाद कुरैशी ने कहा, अमेरिका के साथ संबंध धीरे-धीरे सुधर रहा है। मैंने अमेरिकी अधिकारियों से साफ कर दिया कि पाकिस्तान आपसी सम्मान और सहयोग के आधार पर वाशिंगटन के साथ द्विपक्षीय संबंध बनाना चाहता है।
उन्होंने कहा, यह सही नहीं होगा कि अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों को वाशिंगटन सात दशक पीछे जाकर अफगान के परिप्रेक्ष्य में या भारतीय चश्मे से देखे। पाक विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी प्रशासन को अपनी बात समझाने की कोशिश की।
अमेरिका ने अनुरोध ठुकराया
पाक विदेश मंत्री ने हालांकि साफ किया कि अमेरिका ने उनके इस अनुरोध को नकार दिया। कुरैशी ने कहा, हमने अमेरिका से कहा कि अब क्या आप मदद कर सकते हैं। उनका जवाब था, नहीं। वे पाकिस्तान और भारत के बीच द्विपक्षीय संवाद चाहते हैं। लेकिन कोई द्विपक्षीय गतिविधि नहीं है।
भारत-अमेरिका की दोस्ती पर तिलमिलाया पाकिस्तान
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