नई दिल्ली:त्योहारों में मांग बढ़ाने के लिए सरकार दूसरे आर्थिक पैकेज का ऐलान दशहरा से पहले कर सकती है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सूत्रों के मुताबिक, इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिये रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए आसान फंड की उपलब्धता सुनिश्चत करने के लिए इंफ्रा फंड का गठन करेगी। वहीं, सरकारी कंपनियों के लिए नई सार्वजनिक क्षेत्र नीति लाने की तैयारी है। इसके साथ ही नए राहत पैकेज में लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए क्षेत्रों जैसे होटल, खाद्य और पर्यटन पर सबसे ज्यादा जोर होगा। पर्यटन क्षेत्र पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की तैयारी है क्योंकि यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करता है। इन क्षेत्रों के अलावा राहत पैकेज में एमएसएमई पर एक बार फिर से ध्यान केंद्रित करने की संभावना है। कोरोना के कारण राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए एलआईसी समेत कई कंपनियों में जल्द विनिवेश करने की भी योजना है। इससे राजस्व घाटे की भरपाई करने और जरूरी योजनाओं के लिए फंड की जरूरत पूरा करने में मदद मिलेगी।
पीएमओ और वित्त मंत्रालय के बीच मंथन
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दूसरे राहत पैकेज की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई है। इसकी घोषणा कभी भी की जा सकती है। पहले के मुकाबले ये पैकेज छोटा होगा। इस राहत पैकेज को लेकर और वित्त मंत्रालय के बीच इस पर 3-4 दौर की बैठक हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, इस बार वित्त मंत्रालय एक बार फिर अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने पर जोर दे सकता है। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए चार प्रमुख ऐलान किए थे।
निजी क्षेत्र में काम करने वालों को भी एलटीसी
सरकारी कर्मचारियों के बाद प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को भी लीव ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) स्कीम का लाभ मिल सकता है। सूत्रों के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को एलटीसी में कैश वाउचर देने का प्लान बनाया गया है। कर्मचारी इस कैश वाउचर की मदद से ऐसी गैर-खाद्य चीजें खरीद सकेंगे। इस पर टैक्स में फायदा मिलेगा। इसके लिए व्यवस्था बनाई जा रही है और जल्दी ही इस बारे में स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा। इस स्कीम के जरिए सरकार कोरोना से त्रस्त अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता मांग बढ़ाना चाहती है। इसी कारण वह चाहती है कि प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी भी इसका हिस्सा बनें। सरकार का अनुमान है कि इससे 28,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता मांग पैदा होगी।