मुजफ्फराबाद:गिलगित बाल्टिस्तान को अलग प्रांत बनाकर यहां की स्थिति बदलने की पाकिस्तान सरकार की कोशिश के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इसे लेकर गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों ने मुजफ्फराबाद (पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर), कराची और हुजा में सरकार के विरोध में प्रदर्शन किए। इन लोगों ने बाबा जान जैसे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी विरोध जताया है।
कराची के गिलगित बाल्टिस्तान यूथ अलायंस के एक नेता ने कहा, हम तब तक हार नहीं मानने वाले हैं, जब तक सभी कार्यकर्ता जेलों से छूट नहीं जाते। हम सभी गिरफ्तार होने के लिए तैयार हैं। हम असेरन-ए-हुनजा रिहाई समिति के अगले कदम की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसकी रजामंदी मिलते ही हम डायमर, दारेल से लेकर खुन्जेरब सीमा तक व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगे। हम कराची, लाहौर और इस्लामाबाद में भी प्रदर्शन करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हम हड़ताल पर जाएंगे।
गिलगिट-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की घोषणा
पाकिस्तान ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में 15 नवंबर को विधानसभा एसेम्बली चुनाव कराने की घोषणा की है। इस मुद्दे पर पाकिस्तानी नेतृत्व के बयानों का जिक्र करते हुए हाल ही में भारत ने कहा कि पाकिस्तान का भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। हमारा रूख स्पष्ट और सतत है। सम्पूर्ण जम्मू कश्मीर और लद्दाख, भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा।
भारत द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज कराए जाने के बावजूद पाकिस्तान ने गिलगित बाल्तिस्तान की विधानसभा के लिए 15 नवंबर को चुनाव कराने की घोषणा की है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में इससे पहले चुनाव स्थगित कर दिया गया था। राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने बुधवार को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की।