नई दिल्ली:चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव तारीखों की घोषणा में कुछ घंटों के लिए देरी किए जाने पर कांग्रेस की तरफ से ट्वीट कर किया गया हमला चुनाव आयोग को नागवार गुजरा। कांगेस के इस हमले को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने विपक्ष पार्टी पर सीधा हमला बोला।
शनिवार को पांच राज्यों के चुनाव तारीख को घोषणा से पहले ओपी रावत ने कहा- “राजनेता और राजनीतिक पार्टियां को हर चीज में राजनीति दिखाई देती है। ऐसा उनके जन्मजात नेचर की वजह से है।”
कांग्रेस ने चुनाव आयोग निष्पक्षता पर उठाया सवाल
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस दोपहर साढ़े बारह बजे बुलाई ती जिसे बाद में बदलकर दोपहर बाद तीन बजे का रखा गया। जिसके बाद कांग्रेस ने परोक्ष रूप से इशारा किया कि यह देरी इसलिए की गई है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजस्थान के अजमेर में एक चुनावी सभा करने जा रहे हैं। ऐसे में वह वहां पर वह खुलकर घोषणा कर सकें।
चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव की तारीखों की घोषणा करते ही फौरन आचार संहिता लागू हो जाता है। जो सरकार तंत्र को मतदाताओं को लुभाने के लिए किसी तरह की घोषणा से रोकता है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाले चुनाव आयोग की तरफ से समय में किए गए बदलाव पर ट्वीट करते हुए पूछा- क्या ईसीआई स्वतंत्र है?
पहले भी कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना
टेलीविजन डिबेट के दौरान भी कांग्रेस नेता इसी तरह की बातें रखते हुए दिखे। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने चुनाव की तारीखों को लेकर चुनाव आयोग को अपने निशाने पर लिया हो। इससे पहले, पिछले साल अक्टूबर में गुजरात में चुनाव की तारीखों में देरी से घोषणा को लेकर विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की आलोचना की थी। कांग्रेस ने यह दावा किया था कि यह देरी पीएम मोदी की वजह से की गई है ताकि वह अपने गृह राज्य में अपने निर्धारित दौरे में ज्यादा से ज्यादा वादे कर पाएं।
कांग्रेस के ट्वीट हमले पर चुनाव आयोग ने किया सीधा पलटवार
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