भारत को पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन की ओर से हमेशा गीदड़भभकी मिलती रहती है। भारत के क्षेत्रफल के लिहाज से छोटा सा पाकिस्तान हमेशा अपनी मिसाइलों और परमाणु हथियारों की धौंस भारत को देता रहता है। अब रूस से खरीदी जा रही एस-400 वायु सुरक्षा प्रणाली दोनों पड़ोसी देशों को निराशा के गहरे भंवर में डुबा देगी।
पड़ोसियों की ताकत
पड़ोसी देश पाकिस्तान के पास अपग्रेडेड एफ-16 से लैस लड़ाकू विमानों का 20 स्क्वाड्रन है। चीन से मिले जे-17 विमान भी बड़ी संख्या में हैं। पड़ोसी देश और प्रतिद्वंदी चीन के पास 1,700 लड़ाकू विमान हैं, जिनमें 800 चौथी श्रेणी के लड़ाकू विमान भी शामिल हैं।
चौतरफा घेरने की तैयारी
चीन से लगती करीब 4000 किलोमीटर लंबी सीमा पर अपनी वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए भी भारत इस प्रणाली को जल्द खरीदना चाहता था। इस सुरक्षा प्रणाली की मदद से तिब्बत में होने वाली चीनी सेना की गतिविधियों पर भी नजर रखने में आसानी हो जाएगी। हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने में भी एस-400 कारगर साबित होगी।
नौ सेना की ताकत
तंजानिया से श्रीलंका तक, दो एशियाई ताकतें जलमार्ग वाले देशों में एक मजबूत सैन्य और आर्थिक उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। चीन ने पिछले साल जिबूती में अपना पहला विदेशी सैन्य अड्डा बनाया है। वहीं भारत ने इंडोनेशिया, ईरान, ओमान और सेशेल्स में नौसैनिक सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित की है।
एस-400 का दम
भारत द्वारा खरीदे जा रहे एस-400 की अहमियत का अंदाजा इसी घटना से लगाया जा सकता है। सीरिया युद्ध के दौरान तुर्की के लड़ाकू विमानों ने हमला बोल रखा था। वे खुलेआम सीरियाई हवाई क्षेत्र में घुसपैठ कर रहे थे। इन विमानों ने वहां तैनात रूस के फाइटर जेट एसयू-24 को भी मार गिराया था। रूस द्वारा कई बार चेताने का बाद भी नहीं माने। आखिरकार रूस ने सीरिया बॉर्डर पर एस-400 को तैनात कर दिया। इसके तुरंत बाद नाटो समर्थित तुर्की के एफ-16 लड़ाकू विमान सीरिया की हवाई सीमा से कई मील दूर चले गए थे।
भारत को बढ़त
एस-400 की मारक क्षमता के दायरे में पूरा पाकिस्तान आता है। इसका मतलब यह है कि पाकिस्तान के सभी लड़ाकू विमान इस वायु रक्षा प्रणाली के निशाने पर होंगे। उनका एक गलत कदम उनकी तबाही की वजह बनने को काफी होगा। भारत की यही बढ़त पाकिस्तानी वायु सेना के लिए बड़ी सिरदर्द होगी।
माना जाता है कि भारत एस-400 की तीन मिसाइलें पाकिस्तान के खिलाफ तैनात कर सकता है। बाकी चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पूर्वी और पश्चिमी सेक्टरों में एक-एक लगाई जा सकती हैं। इस तरह से भारत पाकिस्तान और चीन पर एक साथ लगाम लगाने में कामयाब होगा।
एस-400 मिसाइल से चीन और पाकिस्तान को मिलेगा करारा जवाब

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