लखनऊ। केन्द्र सरकार की पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ढाई रूपये की कमी को नाटक करार देते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरूवार को कहा कि भाजपा सरकार ने यह निर्णय जनता को राहत देने के लिए नहीं बल्कि तेल कम्पनियों के लगातार ध्वस्त होते शेयरों को बचाने के लिए किया है।
श्री यादव ने यहां जारी बयान में कहा कि चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की यह कोशिश जनता को बहकाने-भटकाने की साजिश का हिस्सा है। केन्द्र ने ऊंट के मुंह में जीरा जैसी जो राहत दी है वह तो पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाकर दी जा सकती थी। केन्द्र और राज्य में तो भाजपा की डबल इंजन सरकारें हैं फिर भी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जनता को खौलते मंहगे तेल में खूब झुलसाया है।
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार पेट्रोलियम उत्पादों से 10 लाख रूपए तक की अतिरिक्त कमाई करने के बाद मामूली क्षणिक राहत दे रही है लेकिन जनता इसके झांसे में आने वाली नही है। 2014 में सत्ता में आने के बाद से भाजपा सरकार पेट्रोल पर 9.48 पैसे की एक्साइज डयूटी को 17.98 रूपए एवं डीजल पर 3.56 रूपए प्रतिलीटर की एक्साइज डयूटी को 13.83 रूपये प्रति लीटर बढ़ा चुकी है। चूंकि अब चुनाव सिर पर है और भाजपा की नाव डगमगा रही है। यह क्या गारंटी है कि अब पेट्रोलियम पदार्थो के दाम नहीं बढ़ेंगे।
इस लुका छिपी के खेल से जनता खूब परिचित है इसलिए भाजपा अपने कुप्रचार से जनता को गुमराह करने पर लगी है। वस्तुतः सस्ते कच्चे तेल का फायदा जनता को नहीं मिला। सारा मुनाफा केन्द्र सरकार ने पहले ही ले लिया है। केंद्र सरकार पहले ही बिना सब्सिडी वाली रसोई गैस में 59 रूपए की बढ़ोत्तरी कर मध्यम वर्ग की कमर तोड़ चुकी है।
जनता को राहत देने नहीं, तेल कंपनियों को बचाने के लिए घटाए दामः अखिलेश

Leave a comment
Leave a comment