नई दिल्ली:दिल्ली ओलम्पिक गेम्स-2018 का आयोजन 10 से 20 अक्टूबर के बीच होगा। 2015 में इस खेल प्रतियोगिता का आयोजन पहली बार किया गया था, लेकिन इसके बाद वित्तीय कारणों और दिल्ली सरकार की उपेक्षा के कारण 2016 और 2017 में इसका आयोजन नहीं हो सका था।
दिल्ली ओलम्पिक गेम्स-2018 का आयोजन दिल्ली ओलम्पिक संघ द्वारा कराया जा रहा है। 10 अक्टूबर को इसका उद्घाटन समारोह तालकटोरा गार्डन में स्थित एनडीएमसी इंडोर स्टेडियम में होगा। ये खेल 20 अक्टूबर तक चलेंगे। समापन समारोह भी एनडीएमसी इंडोर स्टेडियम में होगा।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, दिल्ली ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने बुधवार को यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस साल इन खेलों में 15 हजार बच्चे हिस्सा ले रहे हैं और ये बच्चे 40 अलग-अलग खेलों में अपनी महारथ का प्रदर्शन करेंगे।
इन स्थानों पर होंगे मुकाबले
दिल्ली ओलम्पिक गेम्स-2018 के मुकाबले अलग-अलग स्थानों पर होंगे। इनमें छत्रसाल स्टेडियम, बवाना स्थित राजीव गांधी स्टेडियम, त्यागराज स्टेडियम, इंदिरा गांधी स्टेडियम कॉम्पलेक्स, नेशनल स्टेडियम प्रमुख हैं।
वत्स ने बताया कि इन खेलों के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर और केंद्रीय सड़क परिवन एवं राज्यमार्ग मंत्री नितिन गड़करी शरीक होंगे। वत्स के मुताबिक अब तक दिल्ली सरकार ने इन खेलों को अपना कोई समर्थन या सहयोग नहीं दिया है, लेकिन वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को को भी आमंत्रित करेंगे।
2015 में पहली बार आयोजित हुए थे गेम्स
दिल्ली ओलम्पिक गेम्स के पहले संस्करण का आयोजन 2015 में किया गया था। उस समय दिल्ली सरकार ने इसमें पूरा समर्थन और सहयोग दिया था और पुरस्कार राशि के तौर पर खिलाड़ियों के बीच 90 लाख रुपये बांटे गए थे। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने खिलाड़ियों को जर्सी और टिक भी प्रदान किए थे, लेकिन वत्स का कहना है कि इस बार दिल्ली सरकार की ओर से दिल्ली ओलम्पिक संघ को कोई समर्थन या सहयोग नहीं मिल रहा है जबकि वह कई बार इसके लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल से मिल चुके हैं।
दिल्ली सरकार ने नहीं किया सहयोग
वत्स ने कहा, “मैं बीते कुछ महीनों में कई बार मुख्यमंत्री जी से मिल चुका हूं, लेकिन हमें अब तक कोई समर्थन या सहयोग का वादा नहीं मिला है। हमने दो साल के अंतराल और इंतजार के बाद एक बार फिर इन खेलों को कराने का फैसला किया है क्योंकि इनके अभाव में दिल्ली के बच्चों की प्रतिभा मारी जा रही है। इन खेलों से उन्हें एक नई पहचान मिलेगी और वे देश तथा अपने परिवार का मान बढ़ाने में सफल होंगे।”
दिल्ली ओलम्पिक गेम्स-2018 का आगाज 10 अक्टूबर से
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