नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला जारी रखते हुए बुधवार को कहा कि इन विमानों का काम ऐसी कंपनी को दिया गया जो भारी कर्ज में डूबी है और जिसे रक्षा क्षेत्र में काम करने का कोई अनुभव नहीं है।
श्री गांधी ने बुधवार को ट्वीट करके तंज कसते हुए कहा, “ देश का सबसे बड़ा रक्षा सौदा देने में कमाल का तरीका अपनाया–पहला, काम लेने वाला 45 हजार करोड़ रुपए का कर्जदार हो। दूसरा, दूसरों का पैसा दबाकर बैठा हो और उसे देश से बाहर नहीं जाने का सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया हो, तीसरा, प्रधानमंत्री उन्हें ‘भाई’ कहते हों भले ही कोई अनुभव ठेका पाने वाले क्षेत्र का नहीं हो।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने इसके साथ ही एक खबर भी पोस्ट की है जिसमें दावा किया गया है कि स्वीडन की टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिकशन ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि अवैध तरीके से उसके 550 करोड़ रुपए दबाए बैठे अनिल अम्बानी तथा उनकी कंपनी के दो वरिष्ठ अधिकारियों को विदेश जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
इस बीच, कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में राफेल को लेकर वायु सेना प्रमुख बी एस धनोआ के बयान को सही ठहराया और कहा कि इसी जरूरत को देखते हुए इन विमानों की खरीद का पिछली सरकार ने निर्णय लिया था। वायु सेना प्रमुख ने कहा है कि राफेल लड़ाकू विमान भारतीय सेना की ताकत बढाएगा और यह दक्षिण एशिया में हवाई ताकत के परिदृश्य को बदल देगा।
एक अन्य प्रश्न पर प्रवक्ता ने कहा कि जब राफेल सौदा तय किया गया था उस समय श्री धनोई एअर चीफ मार्शल नहीं थे। वह विमान खरीद कमेटी के सदस्य भी नहीं थे इसलिए इस सौदे को लेकर उनसे विवाद का कोई मतलब ही नहीं है। उन्होंने कहा कि सवाल इस सौदे हुए घोटाले का है और मोदी सरकार को इसका जवाब देना होगा।
अनुभवहीन और कर्ज में डूबी कंपनी को दिया राफेल का ठेकाः राहुल गांधी
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