नालासोपारा (मुंबई)। तेरापंथ भवन के प्रांगण में अणुव्रत समिति उत्तर मुंबई द्वारा आयोजित अणुव्रत क्षेत्रीय संयोजक वसई,नालासोपारा,विरार द्वारा उध्बोधन सप्ताह का समापन समारोह अहिंसा दिवस के रूप में मनाया गया। आचार्य श्री महाश्रमण जी की शिष्या प्रोफेसर डॉ.समणी श्री मल्ली प्रज्ञाजी एवं सहवर्ती श्रमणी श्री भास्कर प्रज्ञा जी ने सानिध्य प्रदान करवाया।
समणी वृंद ने कहा अणुव्रत का अर्थ है छोटे-छोटे व्रत,
संकल्प व नियम, सब बड़े नियमों को स्वीकार कर ले यह कठिन है, महाव्रतों में बड़े बड़े व्रतों की संयोजना है,
पूर्ण अहिंसा,सत्य,अस्तेय, ब्रह्मचर्य व अपरिग्रह की परि पालना महाव्रत, पर यह यदि न हो सके तो हम ऐसे ही क्यों रहें। क्यों न छोटे छोटे व्रतों को स्वीकार करके अपने पर अपना अनुशासन कर लें,संकल्प करें – मैं किसी निरपराध प्राणी की हत्या नहीं करूंगा व शराब,गुटका, सिगरेट आदि का परिहार करके बड़ा झूठ,धोखाधड़ी व मिलावट नहीं करूंगा।
जैन धर्म में चौबीस तीर्थंकरों में भगवान महावीर अंतिम तीर्थंकर हुए, जो आत्मा मोक्ष में चली जाती है वह वापिस नहीं आती व आत्मिक सुखों में ज्योतित बन जाती है| आचार्य तुलसी ने बतलाया कि कोई भी किसी सम्प्रदाय,ग्रंथ,पंथ या संत को मानने वाला अणुव्रती बन सकता है।
यहाँ तक कि नास्तिक भी अणुव्रती बने तो कोई भी वाधा नहीं, आचरण अच्छे रहें, सबके प्रति सद्भावना रहे व मानव अच्छा मानव बने, अणुव्रत का मार्ग संयम की प्रेरणा का मार्ग है, सादा जीवन उच्च विचार मानव जीवन का श्रृंगार,पहले इंसान इंसान फिर हिन्दू या मुसलमान, सुधरे व्यक्ति,समाज व्यक्ति से, राष्ट्र स्वयं सुधरेगा।
इससे अच्छे राष्ट्र व विश्व का निर्माण हो सकता है,
सबके साथ मैत्री हो, किसी के साथ भी वैर-भाव नहीं रहे।
तत्पश्चात महिला मंडल की बहनों ने अणुव्रत गीत के संगान से मंगलाचरण किया, अणुव्रत पर्यवेक्षक निर्मल जैन ने गीत का सुंदर संगान किया।
अणुव्रत क्षेत्रीय सह-संयोजक पारस बापना ने पधारें सभी अतिथियों का भाव भरें सब्दों द्वारा स्वागत किया एवं पधारें सभी पदाधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया,
उपाशिका बहन मंजू बापना एवं प्रेमा धाकड़ ने अणुव्रत के ऊपर सुंदर नाटक द्वारा मारवाड़ी भाषा में सुंदर प्रस्तुति दी।
अणुव्रत उदबोधन सप्ताह की सह-संयोजिका करुणा कोठारी ने समापन के अवसर अपने सुंदर विचारों की प्रस्तुति दी और कहाँ हम अगले साल उदबोधन सप्ताह सरकारी कार्यालयों,विधायक, कॉलेज आदि स्थानों पर रखेंगे जिससे अणुव्रत का ज्यादा प्रचार प्रसार हो सकें,
तेयुप अध्यक्ष महेंद्र सोलंकी,सभा अध्यक्ष मदन धाकड़ एवं लक्ष्मी लाल मेहता ने अपने भावों की सुंदर अभिव्यक्ति दी।
अणुव्रत समिति मंत्री चेतन कोठारी ने सुंदर संयोजन एवं उदबोधन सप्ताह के समापन समारोह के अवसर पर सभी पदाधिकारियों संयोजक,एवं सह-संयोजको को साधुवाद दिया,
एवं सभी को अणुव्रती बनाने पर प्रेरणा दी।
आभार ज्ञापित सह-संयोजिका अनिता बाफना ने किया।
इस अवसर पर अणुव्रत महासमिति सदस्य पारस कच्छारा अणुव्रत पत्रिका प्रभारी रमेश ढालावत,कांदिवली सयोंजक किशोर धाकड़,भायंदर सयोंजक राजू कोठारी,सह-पर्यवेक्षक सुरेश बापना, कार्यकरणी सदस्य किरण हिंगड़,मनोज हिंगड़ वसई, विरार से सभा,युवक पदाधिकारी एवं स्थानीय सभा से संरक्षक मिश्रीमल चोरडिया मंत्री मदन कोठारी तेयुप से मंत्री उमेश कोठारी, कोषाध्यक्ष किशन कोठारी महिला मंडल से संयोजिका आशा धाकड़ एवं सभा, तेयुप, म.मंडल पूरे समाज से सराहनीय उपस्थिति एवं सहयोग रहा। समणी श्री डॉक्टर मल्लि प्रज्ञा जी के मंगलपाठ द्वारा कार्यक्रम का समापन किया गया।
कार्यक्रम का कुशल सयोंजन अणुव्रत प्रचार प्रसार मंत्री JTN प्रतिनिधि विकास धाकड़ ने किया।
अणुव्रत समिति क्षेत्रीय संयोजक वसई, नालासोपारा, विरार का उद्बोधन सप्ताह का समापन समारोह सम्पन्न

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