जयपुर:राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही बीजेपी चीफ अमित शाह चुनाव मंथन में जुट गए हैं। शाह पार्टी को जीत दिलाने के लिए माइक्रो-मैनेजमेंट में जुट गए हैं। टिकट बंटवारे से पहले उन्होंने पूरे प्रदेश से ग्राउंड रिपोर्ट जुटाने के लिए चंद्रशेखर, वी सतीश, अविनाश राय खन्ना, अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत और सतीश पुनिया जैसे 6 नेताओं का चयन किया है।
पार्टी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरह पूरे राज्य को कवर करने के लिए राजस्थान को तीन प्रांतों जयपुर, जोधपुर और चित्तौड़गढ़ में विभाजित किया है। अमित शाह ने 10-18 अक्टूबर तक ग्रॉसरूट पर काम करने के लिए तीन टीमें बनाई हैं। इन तीनों टीमों में दो-दो नेता रहेंगे। इनमें एक राज्य, जबकि दूसरा राष्ट्रीय स्तर का होगा। बीजेपी के नैशनल जॉइंट जनरल सेक्रटरी (ऑर्गनाइजेशन) वी सतीश और राज्य बीजेपी के प्रवक्ता सतीश पुनिया जोधपुर क्षेत्र को कवर करेंगे, जबकि राजस्थान के प्रभारी अविनाश राय खन्ना और केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल जयपुर पर ध्यान केंद्रित करेंगे। बीजेपी के जनरल सेक्रटरी (ऑर्गनाइजेशन) चंद्रशेखर और केंद्रीय राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चित्तौड़गढ़ की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बीजेपी के एक सीनियर लीडर ने कहा, ‘इन सभी छह नेताओं के आरएसएस से मजबूत संबंध है। जोधपुर प्रांत में जाटों की बड़ी संख्या होने के कारण यहां सतीश पुनिया को लगाया गया है। इसी तरह अर्जुन राम मेघवाल अनुसूचित जाति और आदिवासी बहुल जयपुर प्रांत की जिम्मेदारी संभालेंगे। शेखावत से उम्मीद की जा रही है कि चित्तौड़गढ़ डिवीजन के नाराज राजपूतों को वह वापस लाएंगे।’ सूत्रों के अनुसार, शाह ने राजस्थान दौरे के मद्देनजर आरएसएस के नेताओं से चर्चा के बाद यह रणनीति तैयार की है। हाल में आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत राजस्थान में 10 दिनों के प्रवास पर थे। इस दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और संघ के स्वयंसेवकों के साथ अपना विजन शेयर किया।
बीजेपी के एक दूसरे सीनियर लीडर ने कहा, ‘लोकसभा उपचुनावों में बीजेपी दोनों सीटें हार गई थी। आरएसएस को लग रहा है कि उसने अपने स्वयंसेवकों से बीजेपी की सहायता नहीं कराई। शाह आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में इसे दोहराना नहीं चाहते।’ शाह की इस महत्वपूर्ण टीम से उम्मीद की जाती है कि यह जातीय समीकरण, चुनावी मुद्दों, एंटी-इनकंबेसी, सरकार के प्रति फीडबैक, मंत्रियों-विधायकों के रिपोर्ट कार्ड और प्रांतों में आरएसएस और बीजेपी के बीच समन्वय को ध्यान में रखकर सूचनाएं एकत्र करेगी।
राजस्थान: जीत के लिए शाह ने बनाया यह प्लान
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