वाशिंगटन:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि भारत अमेरिका के साथ ‘तत्काल’ व्यापार करार करना चाहता है। ट्रंप ने मैक्सिको और कनाडा के साथ नए व्यापार करार की घोषणा के लिए व्हाइट हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, भारत अमेरिका के साथ ‘तत्काल’ व्यापार करार करने को इच्छुक है। हालांकि उन्होंने अमेरिकी उत्पादों पर ऊंचा शुल्क रखने के लिए भारत की आलोचना भी की।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले हफ्ते भी कहा था कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार करना चाहता है। लेकिन सोमवार को उनके बयान में एक और चीज जुड़ गई। यह चीज थी ‘तत्काल’। उन्होंने कहा कि भारत व्यापार करार के संबंध में ‘तत्काल’ बातचीत करना चाहता है।
मैक्सिको और कनाडा के साथ करार की घोषणा के बाद ट्रंप ने उन व्यापार करारों के बारे में बताया, जिन पर वार्ता चल रही है। इनमें जापान, यूरोपीय संघ, चीन और भारत शामिल हैं। उन्होंने भारत को शुल्कों का राजा करार दिया। उन्होंने दोहराया कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर ऊंचा शुल्क लगा रखा है।
अमेरिका और कनाडा नए व्यापार करार पर राजी, तनाव खत्म
अमेरिका और कनाडा का नेतृत्व एक साल से अधिक की खींचातानी के बाद अंतत: मुक्त व्यापार को लेकर नए करार पर सहमत हो गया है। दोनों देश की सरकारों ने रविवार देर रात इसकी घोषणा की। इसमें मैक्सिको भी शामिल है। नई यूनाइटेड स्टेट्स-मैक्सिको-कनाडा संधि (यूएसएमसीए) करीब 25 साल पुरानी उत्तरी अमेरिका मुक्त व्यापार संधि (नाफ्टा) की जगह लेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाफ्टा को त्रासदी बताते हुए इसे रद्द करने का वादा किया था।
अमेरिका के व्यापार मंत्री रॉबर्ट लाइटहाइजर और कनाडा की विदेश मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने संयुक्त बयान में कहा, नए करार से अपेक्षाकृत अधिक मुक्त बाजार, अधिक ईमानदार व्यापार और क्षेत्र के लिए तेज आर्थिक वृद्धि के रूप में परिणाम मिलेगा। ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि राष्ट्रपति ट्रंप और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बीच मनमुटाव बढ़ने से यह करार संभव नहीं हो पाएगा।
एक साल से अधिक की वार्ता तथा छह सप्ताह के गहन विमर्श के बाद दोनों सरकारें मतभेद दूर कर पाई हैं। दोनों पक्षों ने अपनी शर्तें कम कीं लेकिन दोनों ने नए करार की सराहना की। करार के अनुसार, कनाडा अपना डेयरी बाजार अमेरिका के उत्पादकों के लिए खोलेगा, जबकि अमेरिका ने ओटावा प्रांत की विवाद निपटान के प्रावधान संबंधी मांगें छोड़ दीं। इस सहमति से मैक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नितो का कार्यकाल समाप्त होने से पहले सभी पक्ष करार पर हस्ताक्षर कर सकेंगे। नितो का कार्यकाल 1 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। अमेरिकी कानून के अनुसार, व्हाइट हाउस को किसी भी संधि पर हस्ताक्षर करने से 60 दिन पहले ही करार का दस्तावेज कांग्रेस में जमा करना जरूरी होता है। अधिकारियों ने इसी कारण अफरा-तफरी में नए करार का दस्तावेज रविवार देर रात कांग्रेस में जमा किया। अमेरिका और मैक्सिको अगस्त में ही नए करार पर सहमत हो चुके थे।
शुल्कों का राजा भारत अमेरिका से तत्काल व्यापार करार चाहता हैः डोनाल्ड ट्रंप
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