इस्लामाबाद:पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के एक शीर्ष मंत्री ने मुंबई हमले के साजिशकर्ता और लश्कर-ए-तैयबा के सह संस्थापक आतंकी हाफिज सईद के साथ यहां मंच साझा किया। इससे आतंकवाद से निपटने और भारत-पाक रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए काम करने की इमरान की वचनबद्धता की असलियत उजागर हो गई है।
कथनी कुछ, करनी कुछ
मीडिया रिपोर्टों में सोमवार को पाकिस्तान के धार्मिक मामलों और अंतरपंथ सद्भाव के मंत्री नूर-उल-हक कादरी का एक फोटो सामने आया, जिसमें वह रविवार को इस्लामाबाद में आतंकी हाफिज सईद के साथ एक मंच पर मौजूद नजर आ रहे हैं। कादरी ने ऐसे समय हाफिज के साथ मंच साझा किया जिससे एक दिन पहले पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को भरोसा दिया था कि वह आतंकवाद के खिलाफ हरसंभव कदम उठा रहा है।
पाक की रक्षा का बहाना
यह फोटो एक सर्वदलीय सम्मेलन की है जिसमें कादरी, हाफिज के करीब बैठे नजर आ रहे हैं। जबकि हाफिज सम्मेलन को संबोधित कर रहा है। मंच पर पीछे लगे बैनर के मजमून के मुताबिक, यह सम्मेलन ‘पाकिस्तान की हिफाजत’ के मकसद से आयोजित किया गया था। उसमें ‘कश्मीर’ और ‘भारत से खतरा’ जैसे मुद्दों का भी उल्लेख किया गया था। कादरी पर यह आरोप भी है कि उन्होंने कथित रूप से संयुक्त राष्ट्र को प्रेरित किया कि वह भारत को आतंकी राष्ट्र घोषित करे।
भारत के दावे की पुष्टि
इस सम्मेलन का आयोजन दिफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल ने किया था। दिफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल पाकिस्तान के 40 से अधिक राजनीतिक और धार्मिक दलों का गठबंधन है। यह रुढ़िवादी और कट्टरपंथी नीतियों की वकालत करती है। इसके सम्मेलन में कादरी की मौजूदगी ने भारत के इस दावे की पुष्टि कर दी है कि पाकिस्तान आतंकवाद का मेजबान और संरक्षक है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अपना यह रुख रखा था।
आतंकवाद को खुली छूट
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की बैठक को संबोधित करने के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने खास तौर पर हाफिज सईद का नाम लिया था। उन्होंने कहा था कि ऐसे देश के साथ बातचीत संभव नहीं है जो एक आतंकवादी को बेरोक घूमने की छूट देता है। उन्होंने पाकिस्तान पर दुर्भावना और दोहरेपन का आरोप लगाते हुए कहा कि हमने पाकिस्तान के साथ वार्ता को खत्म नहीं किया है। हमने उनसे वार्ता शुरू की क्योंकि हम इसे जरूरी मानते थे। लेकिन यह केवल पाकिस्तान के अपने व्यवहार के कारण रुक गई।
हाफिज वैश्विक आतंकी
हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का सह संस्थापक है। वह जमात-उद-दावा का प्रमुख और 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का मुख्य आरोपी है। उसकी 2006 के मुंबई ट्रेन धमाकों और 2001 के संसद पर हमले में भी अहम भूमिका रही है। भारी अंतसष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान ने पिछले साल हाफिज के 184 से अधिक प्रतिष्ठानों को हस्तगत कर लिया था। लेकिन पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने उन प्रतिष्ठानों को फिर से खोलने का आदेश दिया। संयुक्त राष्ट्र ने हाफिज सईद को विशेष वैश्विक आतंकी घोषित कर रखा है और उसके माथे पर एक करोड़ डॉलर (72.93 करोड़ रुपये) का इनाम घोषित कर रखा है।
पाक मंत्री ने आतंकी हाफिज सईद संग साझा किया मंच
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