मुंबई:बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में मंदिरों को फिर से खोलने का अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति पी वी तावड़े की पीठ ने कहा कि राज्य में कोविड-19 संबंधी हालात में सुधार नहीं हुआ है और इसलिए लोगों को घर में ही पूजा करनी चाहिए।
हाईकोर्ट में वकील दीपेश सिरोया ने एक पीआईएल दायर कर मंदिरों को फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोलने की अपील की थी। सिरोया ने तर्क दिया कि राज्य सरकार मंदिर खोल सकती है और कोविड-19 लॉकडाउन के दिशा निर्देशानुसार एक समय में सीमित लोगों को पूजा करने की अनुमति दे सकती है। पीठ ने सिरोया से सवाल किया कि वह निजी तौर पर किस मंदिर को ‘सबसे बड़ा’ मानते हैं? इसके जवाब में वकील ने कहा, ‘सबसे बड़ा मंदिर मानवता है।’
इसके बाद, पीठ ने कहा, ‘अगर आप मानवता से प्रेम करते हैं, तो इस प्रकार की प्रार्थनाओं के लिए दबाव न बनाएं। मानवता से प्रेम और उसकी सुरक्षा के लिए घर पर ही पूजा करें।’
राज्य सरकार भी मंदिर खोलने के पक्ष में नहीं
शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि उसने 12 अगस्त को उच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ के समक्ष विस्तृत उत्तर दायर किया था कि किस प्रकार कोविड-19 के मामले अब भी बढ़ रहे हैं और इस समय पूजा के किसी भी स्थल को खोलना व्यावहारिक नहीं होगा।
राज्य में 5 लाख 60 हजार से ज्यादा संक्रमित मरीज
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की रफ्तार धीमी होती नजर नहीं आ रही। गुरुवार को भी कोरोना वायरस संक्रमण के 11 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ राज्य में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 5,60,126 हो गई है। बीते 24 घंटों में 413 लोगों की मौत भी हुई है जिसके बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 19,063 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि गुरुवार को 9,115 मरीज ठीक हुए हैं। गुरुवार शाम तक राज्य में 1,49,798 मरीजों का इलाज चल रहा है। अब तक महाराष्ट्र में कोविड-19 के 3,90,948 मरीज ठीक हो चुके हैं और 29,76,090 लोगों की जांच की जा चुकी है।