मुंबई: शहरी इलाके में अगस्त महीने में 24 घंटे के भीतर सर्वाधिक बारिश होने का नया रिकार्ड बना है। प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र (मुंबई) के अनुसार बुधवार सुबह 8.30 बजे से गुरुवार की सुबह 8.30 बजे तक मुंबई के शहरी इलाके में 331.8 मिमी और उपनगरीय इलाकों में 162.3 मिमी बारिश रिकार्ड हुई। इसके अतिरिक्त सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक शहरी इलाके में 10.6 मिमी और उपनगर में 25.2 मिमी बारिश दर्ज हुई है। बता दें कि मुंबई के शहरी इलाके में अब तक अगस्त महीने में अत्यधिक 287 मिमी बारिश 3 अगस्त 1881 को रिकार्ड की गई थी।
गौरतलब है कि मुंबई को शहरी और उपनगरीय इलाकों में प्रशासनिक ढंग से बांटा गया है। इसी वजह से मुंबई के शहरी इलाके में होने वाली बारिश का रिकार्ड कुलाबा और उपनगरीय इलाकों में होने वाली बारिश का रिकार्ड सांताक्रुज में दर्ज किया जाता है।
शहरी इलाके में अगस्त महीने में कब-कब हुई अधिक बारिश
प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र (मुंबई) मुंबई के शहरी यानी कुलाबा इलाके में 10 अगस्त 1998 को 261.9 मिमी, 23 अगस्त 1996 को 244.2 मिमी और 15 अगस्त 1990 को 259 मिमी अब तक बारिश रिकार्ड हुई है। जबकि अगस्त महीने में अत्यधिक बारिश का रिकार्ड 3 अगस्त 1881 का है। इस दिन 24 घटों में 287 मिमी बारिश रिकार्ड हुई थी। हालांकि शहरी इलाके में इससे अधिक भी बारिश रिकार्ड हुई है। मगर वह अगस्त महीने में रिकार्ड नहीं हुई है। शहरी इलाके में 10 सितंबर 1930 को 548.1 मिमी, 5 जुलाई 1974 को 575.6 मिमी और 10 जून 1991 को 477.6 मिमी. बारिश रिकार्ड हुई है।
उपनगरी इलाके में इन दिनों हुई है एक्सट्रीम बारिश
मुंबई के पूर्वी और उपनगरी इलाके में एक्सट्रीम (अत्यधिक) बारिश 27 जुलाई 2005 को रिकार्ड हुई थी। इस दिन उपनगरी इलाके में 944.2 मिमी बारिश हुई थी। इसके अलावा मुंबई उपनगर में 23 सितंबर 1981 को 318.2 मिमी, 10 जून 1991 को 399 मिमी और 23 अगस्त 1997 को 346.2 मिमी बारिश रिकार्ड हुई थी।
4 दिनों में 1,714 करोड़ लीटर पानी की निकासी पंपों से हुई
मुंबई में जलभराव होने पर मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल की ओर से कहा गया है कि मुंबई में कुल 6 पंपिंग स्टेशन हैं। जिसमें कुल 43 उच्च क्षमता वाले पंप हैं। प्रत्येक पंप की क्षमता 6 हजार लीटर पानी निकासी की है। उन्होंने बताया कि 3 अगस्त की शाम से 6 अगस्त की सुबह 7 बजे तक 1,714.50 करोड़ लीटर पानी की निकासी इन पंपों से की गई। बता दें कि मुंबई के मलाड इलाके में पिछले साल जुलाई महीने में अत्यधिक बारिश से 18 लोगों की मौत हुई थी और 75 लोगों जख्मी हुए थे। तब आदित्य ठाकरे (अब कैबिनेट मंत्री) ने कहा था कि इंटरनेशनल डिजाइन के अनुसार स्ट्राॅम वाटर ड्रेन 50 मिलीमीटर से अधिक डिजाइन नहीं किया जा सकता है।
मशहूर आर्किटेक्ट चंद्रशेखर का कहना है कि मुंबई के स्ट्रॉम वॉटर ड्रेनेज की क्षमता निश्चित ही बढ़ाई जानी चाहिए। मगर इस पर होने वाले खर्च का इंतजाम मनपा कहां से करे? यह भी एक बड़ा सवाल है। मुंबई मनपा को आक्ट्रॉय (चुंगी) से मिलने वाला टैक्स बंद हो चुका है। कोरोना महामारी की वजह से जनता पर अतिरिक्त टैक्स लगाया नहीं जा सकता है। मगर इस प्रकार की तमाम आर्थिक व तकनीकी समस्याओं के बीच मनपा को अपनी जल निकासी की क्षमता को और बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।
मुंबई का स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज (एसडब्ल्यूडी) सिस्टम 100 साल पुराना
मुंबई का स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज सिस्टम 100 साल पुराना है। वह एक घंटे में महज 25 मिमी बरसाती पानी के निकाली में सक्षम है। इसके अलावा मुंबई के 6 पंपिंग स्टेशनों पर लगे 43 पंपों की क्षमता प्रति सेकंड 2.58 लाख लीटर है। कुल मिलाकर मुंबई में 24 घंटे में 150 मिमी तक बारिश होने पर उतना पानी निकासी की क्षमता मुंबई की है।
मुंबई के उपनगरों में सड़कों की सतह से लगकर लगभग 2 हजार किमी. लंबा, शहर में अंडरग्राउंड करीब 525 किमी लंबा, 200 किमी तक प्रमुख व 140 किमी तक छोटे चैनल्स हैं। 3,044 किमी तक रोड साइड ड्रेनेज, ढापा ड्रेनेज और अन्य वायर इंट्रेंस हैं। इसी प्रकार 174 मुहाने हैं। बता दें कि मुंबई में 437.71 वर्ग किमी. ड्रेन और नालों की संयुक्त लंबाई है। इसमें 200 प्रमुख, 129 छोटे, 151 बाक्स ड्रेन, 1986 रोड साइड ओपन ड्रेन और 565 बंद ड्रेन हैं।