नई दिल्ली:पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस्लामिक सहयोग संगठन को विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने की धमकी दी है। पाक विदेश मंत्री कुरैशी ने सऊदी अरब के नेतृत्व वाले इस्लामिक सहयोग संगठन यानी ओआईसी को कहा कि वह कश्मीर पर अपने विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक बुलाने में देरी करना बंद करे। इस बयान के बाद जानकार इसे एक असामान्य कदम मान रहे हैं, क्योंकि ओआईसी का नेतृत्व सऊदी अरब द्वारा किया जाता है और इसे पाकिस्तान का करीबी सहयोगी माना जाता है।
पाकिस्तान के एक लोकल न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा, ‘मैं एक बार फिर से पूरे सम्मान के साथ इस्लामिक सहयोग संगठन से कहना चाहता हूं कि विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक हमारी अपेक्षा है। अगर आप इसे बुला नहीं सकते हैं तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से यह कहने के लिए बाध्य हो जाऊंगा कि वह ऐसे इस्लामिक देशों की बैठक बुलाएं, जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं और जो दबाए गए कश्मिरियों का साथ देते हैं।’
टीवी कार्यक्रम में कुरैशी ने कहा कि अगर ओआईसी विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक को बुलाने में विफल रहता है, तो पाकिस्तान ओआईसी के बाहर एक सत्र के लिए जाने को तैयार होगा। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब और इंतजार नहीं कर सकता।
दरअसल, 57 मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने के लिए लगातार दबाव डाल रहा है। संयुक्त राष्ट्र के बाद ओआईसी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा संगठन है।
महमूद कुरैशी ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने सऊदी अरब के अनुरोध पर खुद को कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन से अलग कर लिया था और अब पाकिस्तानी मुस्लिम यह मांग कर रहे हैं कि सऊदी अरब कश्मीर के मुद्दे पर नेतृत्व दिखाए। उन्होंने कहा, ‘हमारी अपनी सेंसेटिविटिज हैं। आपको इसका एहसास करना होगा। खाड़ी देशों को इसे समझना चाहिए।’
कुरैशी ने स्पष्ट किया कि वह भावुक नहीं हैं और अपने बयान के निहितार्थ को पूरी तरह से समझते हैं। उन्होंने कहा कि यह सही है कि मैं सऊदी अरब के साथ हमारे अच्छे संबंधों के बावजूद एक अलग रूख ले रहा हूं।’ बता दें कि कश्मीर से आर्टिकल 397 हटने के बाद से ही पाकिस्तान इसकी बैठक के लिए बौखलाया हुआ है।