बेरूत:लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए भीषण विस्फोट के बाद सरकार ने दो सप्ताह के लिए आपातस्थिति की घोषणा की है और इस दौरान सेना को व्यापक अधिकार प्रदान कर दिए गए हैं। सरकार ने बुधवार को कैबिनेट बैठक के बाद इसकी घोषणा की। सरकार ने कहा कि बेरूत बंदरगाह के कई अधिकारियों को यह जांच होने तक नजरबंद किया जा रहा है कि 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट बंदरगाह तक कैसे लाया गया।
माना जा रहा है कि लापरवाही के कारण विस्फोट हुआ। इस घटना में 100 से अधिक लोग मारे गए और करीब 4,000 लोग घायल हो गए। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान के लोगों के प्रति संवेदना जतायी है। उन्होंने इस विनाशकारी विस्फोट के बाद देश में मानवीय सहायता भेजने की पेशकश की है।
विस्फोट के कारण शहर में मीलों दूर तक इमारतों को नुकसान पहुंचा है। बेरूत के गवर्नर ने बुधवार को कहा कि हजारों लोग दो तीन महीने तक अपने घरों को नहीं लौट पाएंगे। इस बीच एक सरकारी पत्र ऑनलाइन साझा किया जा रहा है जिसमें सीमा शुल्क विभाग का प्रमुख चेतावनी दे रहा है कि बंदरगाह के हैंगर में रखे अमोनियम नाइट्रेट को हटा लिया जाए, नहीं तो इससे खतरा हो सकता है।
साल 2013 में एक पोत से 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया गया था और तब से यह पोत पर ही रखा हुआ था। माना जाता है कि मंगलवार को इसके पास आग लगी जिससे इसमें विस्फोट हो गया। वह कह रहे हैं कि इसी तरह के पांच पत्र 2014,2015 और 2016 में भेजे जा चुके हैं।
सीमा शुल्क विभाग के प्रमुख द्वारा 2017 में एक न्यायाधीश को लिखे गए पत्र की तत्काल पुष्टि नहीं हो सकी है। अगर यह पत्र सही है तो यह उन लोगों के इस विश्वास को पक्का करेगा कि विस्फोट के लिए राजनीतिक वर्ग में व्याप्त कुप्रबंधन, लापरवाही और भ्रष्टाचार जिम्मेदार है।