मुंबई:अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले की जांच पर केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि केन्द्र ने नैतिक तौर पर ये फैसला लिया है कि वह बिहार सरकार की आग्रह को स्वीकार करेंगे। देश के जाने वरिष्ठ वकील और स्पेशल पब्लिक प्रोसीक्यूटर रहे उज्ज्वल निकम ने दैनिक भास्कर से बताया कि इसे आधिकारिक तौर पर मान लिया जाएगा कि यह केस सीबीआई को ट्रांसफर पर दिया गया है। जल्द ही इसपर नोटिफिकेशन जारी होगा।
सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चैलेंज कर सकती है राज्य सरकार
इस मामले में महाराष्ट्र सरकार लगातार सीबीआई जांच करवाने का विरोध कर रही थी। राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कुछ दिन पहले यह कहा था कि मुंबई पुलिस पूरी तरह से इस मामले में जांच करने के लिए सक्षम है इसलिए इसे सीबीआई को देने का कोई सवाल ही नहीं उठाता। केंद्र के इस फैसले पर महाराष्ट्र सरकार के पास विकल्प को लेकर उज्ज्वल निकम ने कहा कि राज्य सरकार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज कर सकती है। वह यह आधार दे सकती है कि यह केस बिहार सरकार के ज्यूरिस्डिक्शन में नहीं है इसलिए इसकी संस्तुति बिहार सरकार नहीं कर सकती है।
बिहार सरकार के पास इस जांच को सीबीआई को सौंपने का अधिकार
वरिष्ठ अधिवक्ता उज्जवल निकम ने आगे बताया कि यह गुनाह बिहार में दर्ज हुआ है। कोर्ट के अदालत का अधिकार क्षेत्र मुंबई है। इसलिए नियम के हिसाब से इस मामले की जांच यहीं की पुलिस को करना चाहिए था। लेकिन सीआरपीसी की धारा 156 के तहत अगर दूसरे राज्य की पुलिस इसमें जांच करती है तो कोई इसमें सवाल खड़ा नहीं कर सकता है। ऐसी परिस्थिति में अगर दोनों एजेंसी इस मामले में जांच करेगी तो कंफ्यूजन खड़ा हो सकता है। इसलिए बिहार सरकार ने गुनाह रजिस्टर होने के कारण सेंट्रल गवर्नमेंट को यह जांच सौंपने का फैसला किया था। नियमानुसार वह ऐसा कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में एक सप्ताह के लिए टली सुनवाई
देश की सबसे बड़ी अदालत में आज अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की उस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें उन्होंने सुशांत के पिता द्वारा पटना में दर्ज केस को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की थी। इस याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर तुषार मेहता ने कहा,”अब रिया की सुप्रीम कोर्ट में याचिका का कोई मतलब नहीं रह जाता। केंद्र ने नैतिक तौर बिहार सरकार की आग्रह को स्वीकार करने का फैसला लिया है। इस पर जल्द ही नोटिफिकेशन जारी होगा।” जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस, महाराष्ट्र सरकार और बिहार सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी है।