काठमांडू:नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने शुक्रवार (31 जुलाई) को कहा कि एशिया का भविष्य कैसा होगा, यह भारत और चीन के रिश्तों पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, “चीन के उदय और भारत के महत्वाकांक्षी उदय के साथ-साथ वे अपने आप से कैसे जुड़ते हैं, उनकी साझेदारी कैसे आगे बढ़ेगी और कैसे वे अपने मतभेदों को सुलझाएंगे… निश्चित तौर पर इन्हीं सवालों के जवाब से एशिया का भविष्य तय होगा। खासकर से इस क्षेत्र में।”
उन्होंने आगे कहा, “वुहान शिखर सम्मेलन के बाद भारत और चीन के बीच साझेदारी गहरी हो गई थी, लेकिन वर्तमान में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद अब तनाव का माहौल है। हालांकि, दोनों देश तनाव को कम करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं, फिर भी चुनौतियां हैं।”
दूसरी ओऱ, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली पर इस्तीफे के बढ़ते दबाव के बीच देश में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि शर्मा ने हाल में ”कूटनीति के स्थापित मानकों के विपरीत ‘चिढ़ाने वाले भारत विरोधी बयान देकर तीन गलतियां की हैं। पिछले महीने, प्रधानमंत्री ओली ने आरोप लगाया था कि भारत उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ मिलकर उन्हें सत्ता से बाहर करने की साजिश कर रहा है।
उनका यह बयान नेपाल द्वारा एक नया नक्शा मंजूर करने के लिए एक विधेयक पारित करने के बाद आया जिसमें नेपाल और भारत के बीच विवाद के केंद्र रहे इलाके – लिपुलेख दर्रा, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल के क्षेत्र के तौर पर दिखाया गया था। ओली ने उसके बाद इस महीने यह दावा करके एक नया विवाद उत्पन्न कर दिया कि ”असली अयोध्या भारत में नहीं, बल्कि नेपाल में है और भगवान राम का जन्म दक्षिण नेपाल के थोरी में हुआ था।”