नई दिल्ली:दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को एक और झटका दिया है। उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अनलॉक-3 में होटल और एक सप्ताह के लिए प्रायोगिक तौर पर साप्ताहिक बाजार फिर से खोलने के फैसले पर रोक लगा दी है।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने अनलॉक-3 के लिए गाइडलाइंस जारी करते हुए राजधानी में साप्ताहिक बाजारों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ट्रायल पर खोलने का फैसला लिया था। सब कुछ सही रहने पर इन्हें नियमित रूप से खोलने की बात कही गई थी। इसके साथ ही सरकार ने पहले ही होटलों को अस्पतालों के साथ डिलिंक करते हुए सामान्य कामकाज की अनुमित दे दी थी।
बता दें कि राजधानी में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दिल्ली सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तरह जिम खोले जाएंगे। रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक लगने वाला रात का कर्फ्यू अब नहीं लगेगा। दिल्ली के होटल अब अस्पतालों से जुड़े हुए नहीं हैं, इसलिए दिल्ली सरकार ने होटलों में समान्य कामकाज शुरू करने करने की अनुमति देने का फैसला किया है। पहले से ही हॉस्पिटैलिटी सेवाओं की अनुमति केंद्र सरकार के अनलॉक-3 गाइडलाइंस के अनुसार दी गई है।
फेरी वालों के लिए समय सीमा खत्म
गुरुवार को सरकार ने फैसला है कि सड़क पर चलने वाले फेरीवालों को भविष्य में बिना किसी समय सीमा के अंदर अपना काम करने की अनुमति दी जाएगी। अभी उनके लिए समयसीमा तय थी। वे सुबह दस से रात आठ बजे तक ही फेरी लगा सकते थे। दिल्ली सरकार ने सभी फेरीवालों को राहत देते हुए अनलॉक-3 में बगैर समयसीमा के उन्हें फेरी लगाने की अनुमति दी है।
1.25 लाख लोगों को मिलेगी साप्ताहिक बाजार से राहत
दिल्ली में सौ से ज्यादा स्थानों पर लगने वाले साप्ताहिक बाजारों को भी ट्रायल के आधार पर खोलने का फैसला लिया गया है। लॉकडाउन के शुरुआत के साथ ही मार्च से यह बाजार बंद हैं। इसके चलते साप्ताहिक बाजारों में कारोबार करने वाले परेशान हैं। करीब 1.25 लाख लोग इससे प्रभावित हैं। दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ साप्ताहिक बाजारों को खोला जाएगा। इन बाजारों का ट्रायल सफल रहने के बाद इन्हें नियमित तौर पर खोला जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार को भी उपराज्यपाल ने दिल्ली दंगा मामलों में पैरवी के लिए दिल्ली पुलिस के वकीलों के पैनल को खारिज करने के आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के फैसले को पलट दिया था। केजरीवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक में दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली पुलिस द्वारा प्रस्तावित वकीलों के पैनल को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इससे उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगा संबंधी मामले की पारदर्शी और निष्पक्ष सुनवाई में मदद नहीं मिलेगी। कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में दंगा मामलों की चल रही सुनवाई में पैरवी के लिए वकीलों को नियुक्त करने के संबंध में दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।