वॉशिंगटन:अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने गुरुवार (30 जुलाई) को कहा कि चीन की सरकार के खिलाफ ‘वैश्विक माहौल’ को तैयार करने में अमेरिकी कोशिशों से काफी बल मिला है और इसी का नतीजा है कि ‘लहरों का रुख’ बदल रहा है। उन्होंने चीनी एप पर भारतीय प्रतिबंध का हवाला देते हुए क्वाड देशों (भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका) के बीच आपसी बातचीत और अन्य देशों द्वारा अलग-अलग कार्रवाईयों का भी जिक्र किया।
विदेश विभाग के लिए 2021 के बजट पर अमेरिकी सीनेट की सुनवाई में गवाही देते हुए पोम्पियो ने यह भी कहा कि वह “समान विचारधारा वाले देशों के नए समूह – लोकतांत्रिक देशों के एक गठबंधन” के आकार को लेकर अभी निश्चित नहीं हैं जो कि चीन से उपजे वैश्विक खतरे का मुकाबला कर सके। पोम्पिओ ने उस दौरान एक वैश्विक करार पर जोर किया था।
इससे पहले एक साक्षात्कार में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से खतरे को बिल्कुल वास्तविक बताते हुए बुधवार (29 जुलाई) को कहा कि ट्रंप प्रशासन ने बीजिंग के साथ संबंधों में फिर से संतुलित करने के लिए ”सही कदम” उठाने शुरू कर दिए हैं जिससे अमेरिकियों की आजादी की रक्षा हो सके। पोम्पिओ ने उम्मीद जताई कि चीन यह फैसला लेगा कि व्यापार सौदे के पहले चरण के तहत उनकी प्रतिबद्धताओं का पालन किया जाए। उन्होंने कहा, ”हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि क्या वे अपने दायित्वों को पूरा करते हैं।”
पोम्पिओ ने एक साक्षात्कार में कहा, ”अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य से देखे तो राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) ने 2015 में चुनाव प्रचार अभियान के समय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जिस खतरे की पहचान की थी वह वास्तविक है। इसलिए हमने इस संबंध को फिर से संतुलित करने के लिए सभी सही कदम उठाने शुरू कर दिए हैं ताकि अमेरिकी लोगों की आजादी की रक्षा हो सके।”