नई दिल्ली:विधानसभा चुनावों से पहले पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों से राज्यों में भाजपा के नेताओं की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। पार्टी की अंदरूनी बैठकों में यह मुद्दा उठने लगा है। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, वहां के नेता ज्यादा परेशान हैं। हालांकि केंद्रीय नेतृत्व ने जल्द ही समाधान करने के संकेत दिए हैं, साथ ही राज्य सरकारों से भी कदम उठाने को कहा है।
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस माह हुई बैठक में भी यह मुद्दा सामने आया था। इसके बाद राज्यों के नेताओं के साथ संवाद में भी इस पर चिंता जताई गई। इस साल के आखिर में पांच राज्यों के चुनाव होने हैं। इनमें भाजपा की अपनी सत्ता वाले तीन राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ हैं। इन राज्यों में विपक्षी कांग्रेस बढ़ती कीमतों को मुद्दा बना रही है। राजस्थान ने अपने यहां वेट कम करके कीमतों में कुछ राहत दी है। सूत्रों के अनुसार, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ अक्तूबर के पहले पखवाड़े में अपने यहां वेट कम कर सकते हैं।
किसानों पर पड़ सकता है असर :फिर भी इन राज्यों के भाजपा नेता परेशान हैं। उनका कहना है कि राज्य अपने यहां सीमित उपाय ही कर सकते हैं। बड़ी राहत के लिए केंद्र ही कदम उठा सकता है। जल्द ही राज्यों में रबी फसल की तैयारी शुरू होनी है, ऐसे में डीजल की बढ़ी कीमतों का किसानों पर सीधा असर पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने अपने नेताओं से कहा है कि वे लोगों को समझाएं कि पहले की तरह डीजल व पेट्रोल की कीमतों के बढ़ने से ट्रांसपोर्ट और जरूरी चीजों के दाम बेतहाशा नहीं बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार महंगाई पर नजर रखे हुए है। वह लोगों की चिंताओं को समझती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें घटते ही हालात काबू में होंगे।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर राज्यों में भाजपा के नेता चिंतित
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