लखनऊ। लखनऊ शूटआउट में मारे गए विवेक तिवारी की मासूम बेटी प्रियांशी ने इंसाफ की गुहार लगाई है। प्रियांशी ने कहा कि उनके पापा की हत्या कर दी गई और प्रशासन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय हमारे परिवार पर दबाव बना रहा है। कक्षा सात की छात्रा प्रियांशी ने आरोप लगाया, ‘पापा की हत्या के बाद डीएम घर आए थे और मम्मी पर चिल्ला रहे थे। वे चुप रहने का दबाव बना रहे थे। ‘ प्रियांशी के दिल में अपने पिता की हत्या को लेकर जबरदस्त गुस्सा है।
टीवी चैनल ‘आजतक’ से बातचीत में प्रियांशी कहा कि शुक्रवार सुबह 11 बजे पापा से बात हुई थी। मैं एग्जाम देकर आई थी, तो वो पापा ने पूछा था कि एग्जाम कैसा गया? मासूम ने मांग की कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके घर आएं और बाते करें। पीड़िता ने आरोप लगाया, ‘पुलिस हमारे परिवार पर लगातार दबाव बना रही है। हमारे परिवार ने एक करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी की मांग की है, उसको भी नहीं माना जा रहा है। अधिकारी हर पल फैसला बदल रहे हैं।’
इससे पहले मृतक विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने और बात करने की मांग की. उन्होंने कहा, ‘मेरे पति का तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा, जब तक मुख्यमंत्री उनसे मुलाकात नहीं करते.’ कल्पना तिवारी ने सीएम योगी को खत लिखकर मामले की जांच सीबीआई से कराने की भी मांग की। साथ ही एक करोड़ रुपये मुआवजा मांगा।
लखनऊ शूटआउट के बाद सियासत गरमा गई है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगा है। उन्होंने इस पूरी घटना के लिए यूपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश में पुलिस ने एक आम आदमी की हत्या करके साबित कर दिया है कि भाजपा सरकार में ‘एनकाउंटर’ की हिंसात्मक संस्कृति कितनी विकृत हो गयी है। एक मल्टीनेशनल कम्पनी के एम्पलॉयी के मारे जाने से अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की निगाह में भी प्रदेश की छवि विकृत हुई है. निंदनीय. हार्दिक संवेदना।’
युवक का इन्काउंटर के बाद परिवार को चुप रहने के लिए धमका रहे हैं आला अफसर
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