सावन माह का दूसरा सोमवार अष्टमी तिथि पर होने के कारण विशेष है। इस तिथि पर वृषभ से सुशोभित भगवान शिव का पूजन करने से समस्त कष्ट और रोग दूर हो जाते हैं।
सावन के सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठें। गंगाजल को पूरे घर में छिड़कें। सावन के सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। भगवान शिव की आराधना करते समय उनके पूरे परिवार की पूजा करें। सावन सोमवार का व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरे पहर तक किया जाता है। तीसरा प्रहर समाप्त होने के बाद एक ही बार भोजन करें। सावन मास में शिव चालीसा और आरती का पाठ अवश्य करें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। सावन माह में रुद्राभिषेक करने से समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन सोमवार व्रत के प्रभाव से मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है। चंद्रग्रह के मजबूत होने से व्यवसाय व नौकरी से संबंधित समस्या दूर होती हैं। यह व्रत स्त्री और पुरुष दोनों रख सकते हैं। सावन के सोमवार का व्रत अकाल मृत्यु और दुर्घटनाओं से मुक्ति दिलाता है। सावन में पेड़-पौधों को काटने से बचना चाहिए।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।