गजपुर। विहार चारित्र आत्माओं की दिनचर्या का एक अंग है और ये घुम-घुम कर समाज में आध्यात्मिक चेतना जागृत करते है लेकिन जैन धर्म में वर्षावास यानी चातुर्मास का बड़ा महत्व है।चातुर्मास के दौरान एक ही स्थान पर रहते हुए हमें ज्ञान,ध्यान,त्याग और तप की आराधना करने की प्रेरणा देते है।
इसी कड़ी में यूवा मनीषीआचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी शिष्या साध्वीश्री कुंदनप्रभाजी एवं सहवर्ती विधुतप्रभाजी, शांतिप्रभाजी, किरणयशाजी एवं चारित्रप्रभाजी का आज दिनांक 02-07-2020 गुरुवार को अणुवृत चौक से प्रारंभ हुई सद्भावना रैली के साथ मंगल गीतों की स्वर-ध्वनि से युक्त आल्हादित वातावरण में तेरापंथ सभा भवन गजपुर में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हुआ।
साध्वीश्री कुंदनप्रभाजी ने उपस्थित श्रावक समाज को संबोधित करते हुए कहा आज के दिन श्रद्धा और समर्पण का सैलाब बह रहा है।चातुर्मास काल में ज्यादा से ज्यादा जप,तप ,स्वाध्याय करे संयम की ओर अग्रसर हो इन चार महीनों में धर्म आराधना निरंतर करते हुए आत्म कल्याण की ओर अपने कदम बढ़ाने का प्रयास करे।साथ
ही साध्वीवृंद ने सामुहिक गीत का संगान किया।
इस अवसर पर सभाध्यक्ष कुंदनमलजी कोठारी ने अपने अपनी अभिव्यक्ति में गुरुदेव के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए संपूर्ण श्रावक समाज का स्वागत किया और इस चातुर्मास का भरपूर लाभ लेने की अपील की कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से हुई महिला मंडल ने गीतिका के माध्यम से अपने भवो को अभिव्यक्त किया महिला मंडल अध्यक्षा पुष्पा पी. कोठारी रमेशजी कोठारी, मनोहरजी सोलंकी, दिलीप जी कोठारी, दिनेशजी कोठारी एवं देवेंद्रजी ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
शांतिलालजीसोलंकी, मांगीलालजी सोलंकी, धर्माचंदजी सोलंकी भावेशजी सोलंकी, हिरालालजी कोठारी, अनिलजी कोठारी, सुनीलजी कोठारी,सुखलालजी कोठारी, प्रकाशजी कोठारी, कमलेशजी कोठारी आदि गणमान्य की उपस्थिति रही।
साध्वीवृंद के सान्निध्य में तेरापंथ सभा गजपुर की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को निवृत्तमान अध्यक्ष रमेश जी कोठारी ने शपथ दिलवाई कार्यक्रम का कुशल संचालन देवेंद्रजी सोलंकी ने किया यह जानकारी सभा के मंत्री सुशील कोठारी ने दी।
साध्वीश्रीा कुंदनप्रभाजी एवं सहवर्ती साध्वीवृंद का गजपुर में चातुर्मासिक प्रवेश
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