अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो मोटापा कम करने के लिए लाख जतन करते हैं लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकलता है, तो कहीं इसके पीछे थायराइड असंतुलन तो नहीं मुख्य वजह? थायराइड ग्लैंड गले के आगे हिस्से में मौजूद होता है। यह एक प्रमुख एंडोक्राइन ग्लैंड है जो कि हार्मोन का स्राव करता है। इस हार्मोन की मदद से हमारा मेटाबोलिज्म, श्वास, हृद्य गति, शरीर का तापमान आदि नियंत्रित होता है। लेकिन जब थायराइड हार्मोन का स्राव असंतुलित हो जाता है तो शरीर की समस्त भीतरी कार्यप्रणालियां अव्यवस्थित हो जाती हैं और कई लक्षण नजर आने लगते हैं जैसे-मांसपेशियों में दर्द होना, तेजी से वजन घटना और बढ़ना, बालों का झड़ना आदि।
शरीर में थायराइड हार्मोन की अधिकता से व्यक्ति का वजन तेजी से घटने लगता है जबकि इसकी कमी से व्यक्ति का वजन बढ़ जाता है। जिसे अंग्रेजी में हाइपोथाइरॉएडिज्म कहा जाता है। अगर आपके वजन बढ़ने का कारण भी हाइपोथाइरॉएडिज्म है तो डाइट में किए गए ये बदलाव आपका वजन कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
थायराइड रोगी वजन कम करने के लिए डाइट में शामिल करें ये चीजें-
-सही और संतुलित कार्बोहाइड्रेट-
आहार में हमेशा साबुत अनाज, फल सब्जियां और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ जिनमें कार्बोहाइड्रेट की प्रचुर मात्रा हो, शामिल करने चाहिए।
-डाइट में विटामिन D शामिल करना न भूलें-
विटामिन D ऑटोइम्यून डिजीज से शरीर की रक्षा करता है। विटामिन D कुछ फैटी फिश में पाया जाता है जैसे सैल्मन और टूना मछली। आप इन्हें आहार में शामिल करना न भूलें।
-मेटाबॉलिज्मल अच्छा करने वाला भोजन-
सब्जियां, सलाद और प्रोटीन से मिलने वाला फाइबर थर्मोजेनिक (Thermogenic) भोजन कहलाता है। इस तरह का भोजन थायराइड रोगियों का मेटाबॉलिज्मज बढ़ाकर उनका वजन कम करने में मदद करता है।
प्रोटीन-
ऐसे खाद्य पदार्थ जिनसे व्यक्ति को प्रोटीन मिलता है आहार में जरूर शामिल करने चाहिए। जैसे अंडे, लीन चिकन, फिश, फलियां, नट्स और सीड्स इत्यादि
फैट्स-
अच्छी और संतुलित मात्रा में हैल्दी फैट्स जैसे ओमेगा-3 फैट का सेवन आपको जरूर करना चाहिए। यह ऑटोइम्यून कंडीशन जिसमें थायराइट असंतुलित हो जाता है, उसमें मदगार होता है।