इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में कान्ह नदी शुद्धिकरण की मांग को लेकर लगभग 21 घंटे से जल सत्याग्रह कर रहे समाजसेवी किशोर कोडवानी की तबियत बिगड़ गई है। वहीं इंदौर नगरनिगम आयुक्त और जिला कलेक्टर सहित अन्य जिम्मेदारों ने अब तक इस जल सत्याग्रह के पटाक्षेप के लिए कोई पहल नहीं की है।
सत्याग्रह स्थल पर मौजूद श्री कोडवानी की पत्नी के अनुसार वे लगभग आधे घंटे से ज्यादा बेहोशी में रहे। वे अपनी मांगों पर अड़े हुये हैं। इस बीच प्राथमिक उपचार देकर उन्हें होश में लाया गया है। उन्होंने डॉक्टरों से स्वास्थ्य परीक्षण या इलाज कराने से भी इंकार कर दिया है।
दूषित हो चुकी इंदौर की कान्ह नदी शुद्धिकरण के लिये वर्ष 2010 से संघर्ष कर रहे श्री कोडवानी की याचिका पर वर्ष 2014 में राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) ने स्थानीय नगरनिगम एवं प्रशासन को नदी शुद्धिकरण के निर्देश दिए थे। वर्ष 2015 और 2017 में एनजीटी के दो न्यायधीशों ने इस सबंध में एक समिति भी गठित की थी। इसके बाद भी कान्ह शुद्धिकरण नहीं होने से आहत श्री कोडवानी कल शाम साढ़े चार बजे से नदी किनारे सौ घन्टे के धरने पर बैठे हैं।
बताया जा रहा है कि नाले में तब्दील हो चुकी कान्ह से आ रही बदबू के कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है।
नदी शुद्धिकरण की मांग लेकर 21 घंटे से जल सत्याग्रह कर रहे कोडवानी की तबियत बिगड़ी
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