शिमला:हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी में चढ़ाई पर गए आईआईटी रुड़की के 50 छात्रों को वायुसेना के हेलीकॉप्टरों के जरिये बचाया गया है। हालांकि 500 से ज्यादा लोग अब भी लाहौल-स्पीति में फंसे हुए हैं।
इनमें से करीब 300 लोग बारालाचा इलाके में फंसे हैं जबकि बचे हुए 200 लोग कोकसार में हैं। अधिकारियों ने बताया कि ये सभी सुरक्षित हैं और आईएएफ के तीन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल इन लोगों को बचाने के लिए किया जाएगा। इस बीच, ट्रैकिंग पर गए आईआईटी रुड़की के 50 छात्रों को सिसु में स्थित सेना के आधार शिविर में ले जाया गया है।
राज्य में भारी बारिश और लाहौल-स्पीति में बर्फबारी की वजह से मरने वालों का आंकड़ा मंगलवार को चार और मौत होने से से बढ़कर 10 हो गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि शनिवार को शुरू हुई बारिश की वजह से राज्य को 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है और यदि जरूरी हुआ तो फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए और हेलीकॉप्टरों को भेजा जाएगा। उधर, केलांग के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अमर नेगी ने बताया कि बर्फबारी के कारण रोहतांग दर्रा और क्षेत्र की भीतरी सड़कें बंद हो गईं जिससे ट्रेकिंग अभियान पर सैकड़ों लोग फंस गए हैं।
दिल्ली के ट्रैकर हिमाचल में लापता-
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय किन्नौर जिले में खराब मौसम के चलते दिल्ली और शिमला के छह ट्रैकर 21 सितंबर से कथित रूप से लापता हैं।
पुलिस ने बताया कि सभी युवकों ने शुक्रवार को शिमला जिले के डोडरा क्वार तहसील के जखा से ट्रेकिंग शुरू की थी। सभी 27 साल से कम उम्र के हैं। इनमें तीन शिमला के जबकि तीन दिल्ली के बताए जा रहे हैं। उनका पता लगाने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने का बचाव कार्य बुधवार सुबह शुरू किया जाएगा।
वायु सेना ने जर्मन दंपति को बचाया-
वायु सेना के जांबाज पायलटों ने हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले के पिंगडोंग लॉ में बर्फबारी के कारण फंसे जर्मन दंपति को बचाने में सफलता हासिल की है। जर्मन दंपति पिंगडोंग लॉ क्षेत्र में पिछले सप्ताह ट्रैकिंग के लिए गया था और उन्होंने वहां अपना टेंट लगा रखा था। ये दोनों अचानक आए बर्फीले तूफान में फंस गए। दो दिन तक लगातार बर्फबारी के कारण ये टेंट से बाहर नहीं निकल सके और इनका टेंट बर्फबारी की चपेट में आ गया।
ट्रैंकिंग पर गए IIT रुड़की के 50 छात्रों को बचाया गया, 500 अब भी फंसे

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