नई दिल्ली:वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को पहली बार सरकारी बैंक प्रमुखों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने पिछले 6 महीने में हुए बैंकों के कामकाज की समीक्षा की। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक अब कर्ज वसूली की रफ्तार बढ़ा रहे हैं और फंसे कर्ज यानी एनपीए में कमी आनी शुरू हो गई है।
सरकारी बैंकों के कामकाज की समीक्षा करते हुए वित्त मंत्री ने विश्वास जताया कि अर्थव्यवस्था में लिखा-पढ़ी के साथ संगठित ढंग से कारोबार का विस्तार होने से भारत को आठ प्रतिशत की दर से मजबूत आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी। अर्थव्यवस्था में विभिन्न वाणिज्यिक गतिविधियों के औपचारिक तंत्र के तहत आने और बड़े पैमाने पर वित्तीय समावेश होने से देश में खरीद क्षमता बढ़ी है। साथ ही दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता (आईबीसी), जीएसटी, नोटबंदी और डिजिटल भुगतान जैसे कदमों से वित्तीय क्षमता और जोखिम का बेहतर आकलन करने में मदद मिली है। बैंकों के विलय को कर्मचारियों के हित में बताते हुए जेटली ने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती के साथ बैंकों से जुड़े लोगों का स्तर भी सुदृढ़ होगा। वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में दिवाला संहिता प्रक्रिया और अन्य रास्तों से वसूली के जरिये बैंकों को 1.8 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष में ये राशि 75 हजार करोड़ रुपये थी। इसके अलावा मौजूदा वित्त वर्ष में सरकारी बैंक अपनी गैर जरूरी संपत्तियों को बेचकर 18500 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त जुटा सकते हैं।
जनधन दर्शक एप्लीकेशन लॉन्च
इस बीच वित्त मंत्रालय ने जनधन दर्शक ऐप लॉन्च किया है। इसके जरिये 2.05 लाख एटीएम, 1.53 लाख बैंक शाखाओं और 1.51 लाख पोस्ट ऑफिस के बारे में जानकारी मिलेगी। यह सुविधा निजी और सरकारी दोनों ही वित्तीय क्षेत्रों के लिए मिलेगी। ऐप से बैंक ग्राहक देश भर में कहीं की भी शाखा का पता देख सकेंगे और आईएफएससी कोड जान सकेंगे। ये एप हिंदी और अंग्रेजी भाषा में गूगल प्ले स्टोर से मुफ्त डाउनलोड किया जा सकता है।
सही लोगों के कर्ज में बाधा न आए
वित्त मंत्री ने कहा कि सही लोगों को कर्ज सुनिश्चित करने के लिए बैंकों को उचित कदम उठाने चाहिए। वह कर्ज का पूरी ईमानदारी के साथ वितरण करें और आम आदमी तक इसकी सरलता के साथ उपलब्धता बढ़ाएं।
कारोबारियों को 59 मिनट में कर्ज
सरकार एमएसएमई कारोबारियों को महज 59 मिनट में बिना बैंक शाखा गए 1 करोड़ तक का कर्ज देगी। वित्त मंत्री ने इसके लिए एक वेबसाइट लॉन्च की है। वेबसाइट के जरिये सिडबी और 5 सरकारी बैंक, एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और इंडियन बैंक से कर्ज मिलेगा। इसके लिए आवेदकों को वेबसाइट पर अपना नाम, पैन, आयकर रिटर्न ऑनलाइन लिंक पर भरना होगा। यहां स्मार्ट एनालिटिक्स तकनीक के जरिये कर्ज लेने वाले की सिबिल, आर्थिक प्रोफाइल आदि की जांच हो जाएगी। पहले इस प्रक्रिया में 20-25 दिन का वक्त लगता था।
सरकारी बैंकों की समीक्षा के बाद बोले जेटली – कर्ज वसूली की रफ्तार बढ़ी
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