नई दिल्ली:पांच राज्यों के विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गठबंधन की कोशिश तेज कर दी है। पार्टी ने शुरुआत में दस राज्यों में गठबंधन की संभावनाओं पर विचार किया है। इन प्रदेशों में बिहार, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं। पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ है। क्योंकि, छत्तीसगढ़ में बसपा के अजीत जोगी के साथ गठबंधन कर लिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार को सात राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष, विधायक दल के नेता और प्रदेश प्रभारी के साथ चुनाव रणनीति और गठबंधन पर चर्चा हुई है। राजस्थान, केरल और तमिलनाडु के पदाधिकारियों से इस मुद्दे पर मंगलवार को बैठक होगी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में गोंडवाना पार्टी के साथ गठबंधन पर शुरुआती चर्चा हुई है। इसके साथ पार्टी एक-दो सीट दूसरी छोटी पार्टियों के लिए भी छोड़ सकती है।
गोंडवाना पार्टी छत्तीसगढ़ के साथ मध्य प्रदेश में भी गठबंधन कर सकती है। दरअसल, इन दोनों प्रदेशों में बसपा के साथ गठबंधन करना चाहती थी। पर बसपा ने मध्य प्रदेश में अकेले और छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। बसपा को छत्तीसगढ़ में चार और मध्य प्रदेश में करीब सात फीसदी वोट हैं। जबकि छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस के वोट प्रतिशत में सिर्फ एक प्रतिशत का फर्क है।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि बिहार, झारखंड, कर्नाटक और महाराष्ट्र में समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन तय है। ऐसे में इन प्रदेशों के नेताओं के साथ चुनाव रणनीति और गठबंधन के सहयोगी के साथ तालमेल को और बेहतर बनाने पर चर्चा हुई है। पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि लोकसभा चुनाव के लिए सहयोगी दलों के साथ बेहतर तालमेल जरूरी है। जल्द पार्टी के वरिष्ठ नेता सहयोगी दलों के साथ भी चर्चा करेंगे।
कांग्रेस ने चुनावी राज्यों में गठबंधन की कोशिशें तेज की
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